इंग्लैंड में मैच होने पर इस भारतीय गेंदबाज को आंख मूंदकर टीम में रख लिया जाता था, ऐसा था रिकॉर्ड
कानपुर। 20 जुलाई, 1976 को ओडिशा में जन्में दाएं हाथ के तेज गेंदबाज देबाशीष मोहंती आज 42 साल के हो गए। मोहंती का इंटरनेशनल करियर भले ही ज्यादा लंबा नहीं चला मगर थोड़े समय में ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। मोहंती को विदेशी पिचों का स्पेशलिस्ट गेंदबाज कहा जाता था। खासतौर से इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड हमेशा अच्छा रहा। इस तेज गेंदबाज को 1999 वर्ल्ड कप में शानदार गेंदबाजी के लिए भी जाना जाता है।वनडे क्रिकेट में कमाया नाम
भारतीय क्रिकेट टीम में कई खिलाड़ी आए और गए मगर कुछ नाम ऐसे हैं जिन्होंने छोटे से करियर में नाम कमा लिया। मोहंती उन खिलाड़ियों में एक हैं। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, साल 1997 में श्रीलंका के खिलाफ अंतरर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले मोहंती को सिर्फ दो टेस्ट मैचों में खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 4 विकेट चटकाए। हालांकि इसी साल पाकिस्तान के खिलाफ सितंबर में मोहंती ने वनडे डेब्यू भी कर लिया। चार साल के छोटे करियर में देबाशीष ने 45 वनडे खेले जिसमें उनके नाम 57 विकेट दर्ज हैं, इसमें 1999 वर्ल्ड कप में उनका शानदार प्रदर्शन भी शामिल है।विदेशी धरती पर टीम की पहली पसंद
साल 1999 में जब क्रिकेट वर्ल्ड कप इंग्लैंड, स्कॉटलैंड जैसे देशों में आयोजित किया गया तो भारत को प्लेइंग इलेवन में एक तेज गेंदबाज की जरूरत थी। उस वक्त मोहंती को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले सिर्फ दो साल हुआ था। मगर जब बात इंग्लिश धरती पर खेलने की आई तो मोहंती पहली च्वॉइस बन गए। उन्हें आखिरी मिनट में टीम के लिए कॉल आया। इसकी वजह थी इंग्लिश कंडीशन में उनकी शानदार गेंदबाजी। इस बात को उन्होंने 1999 वर्ल्ड कप में सही साबित भी किया। टूर्नामेंट में उन्होंने 6 मैचों में 10 विकेट चटकाए। केन्या के खिलाफ 56 रन पर 4 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।भारतीय पिचों पर रहे फ्लॉपओडिशा की तरफ से तकरीबन 15 साल तक फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट खेलने वाले मोहंती विदेशी पिचों पर जितने घातक थे, भारत आते ही उनकी गेंदबाजी कमजोर पड़ जाती थी। भारतीय पिचों पर उन्हें खेलना काफी आसान होता था। यही वजह थी कि वह टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, मोहंती ने 2001 में अपना आखिरी वनडे खेला और फिर दोबारा टीम में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि उन्होंने 117 फर्स्ट क्लॉस मैचों में 417 विकेट जरूर चटकाए।
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