AMU विवाद पर अब पहलवान योगेश्वर दत्त ने किया ट्वीट कहा 'शर्मनाक', अलीगढ़ में बंद हुई इंटरनेट सेवाएं
हम एक पाक नेता के लिए क्यों लड़ रहे हैं
कानपुर। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाने को लेकर घमासान मचा हुआ है। ऐसे में अब इस मामले में अब ट्विटर पर ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि जिन्ना जैसे लोगों के लिए लड़ना शर्मनाक है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि एक आदमी जो देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार था और अभी भी इसे विभाजित कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल भी उठाए कि क्या पाकिस्तान में किसी ने भी भारतीय नेता के लिए कभी किसी को संघर्ष करते देखा है? ऐसे में हम एक पाक नेता के लिए क्यों लड़ रहे हैं? जागो भारत जागो।
जिन्ना जैसे लोगों के लिए लड़ना कितना शर्मनाक है एक ऐसा व्यक्ति जिसने जीते जी तो देश का विभाजन किया ही मरकर भी देश को तोड़ रहा है । कभी पाकिस्तान में भारतीय नेता के लिए संघर्ष होते देखा है किसी ने । फिर हम क्यों एक पाकिस्तानी नेता के लिए आपस में लड़ रहे हैं । जागो भारत जागो !🙏🏻
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi)
34 घंटे के लिए जिले इंटरनेट सेवाएं ठप
बीते कई दिनों से एएमयू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन यहां काफी ज्यादा एलर्ट है फिर भी शुक्रवार को यहां पर स्थितियां काफी सवेंदनशील हो गई थी। एएमयू में शुक्रवार को फायरिंग भी हुई। ऐसे में डीएम चंद्रभूषण सिंह का कहना था कि किसी भी कीमत पर माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। यहां कल दोपहर दो बजे से शनिवार रात 12 बजे तक यानी कि करीब 34 घंटे के लिए जिले भर की इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं। कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर भी यह मामला काफी चर्चा में हैं। इसलिए स्थितियों को संभालने के लिए प्रशासन द्वारा यहां पर इंटरनेट सेवाएं बंद करा दी गई हैं।
ऐसे शुरू हुआ जिन्ना की तस्वीर पर विवाद
बतादें कि हाल ही में बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के कार्यालय की दीवारों पर जिन्ना की तस्वीर लगी होने पर आपत्ति जताई थी। ऐसे में 1 मई को विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई का कहना था कि यहां दशकों से जिन्ना की तस्वीर लटकी है। मोहम्मद अली जिन्ना को 1938 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता भी प्रदान की गई थी। जिन्ना 1920 में विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य और एक दानदाता भी थे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि जिन्ना को मुस्लिम लीग द्वारा पाक की मांग किए जाने से पहले सदस्यता दी गई थी।
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