FlashBack 2014 : इस साल ये रहे नोबेल प्राइज विनर्स
एरीक बेट्जिग, Chemistry के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
13 जनवरी, 1960 को जन्मे एरीक बेट्जिग, वर्जीनिया के ऐशबर्न में The Janelia Farm Research Campus के अमेरिकन भौतिक विज्ञानी हैं. उनको 2014 में केमिस्ट्री पर 'The development of super-resolved fluorescence microscopy' के लिए स्टीफन हेल और विलियम ई. मोरनर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया.
स्टीफन वॉलटर हेल, Chemistry के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
23 दिसंबर 1962 को जन्मे स्टीफन वॉलटर हेल पैदायशी रोमानियन और उसके बाद जर्मन भौतिक विज्ञानी हैं. स्टीफन जर्मनी में गोटिंगन स्थितThe Max Planck Institute for Biophysical Chemistry के डायरेक्टर हैं. स्टीफन को 2014 में थॉमस ऐबसेन और सर जॉन पेंड्री के साथ संयुक्त रूप से नैनो साइंस के लिए कावली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके बाद उन्हें 2014 में ही 'for the development of super-resolved fluorescence microscopy' के लिए एरिक बेट्जिग और विलियम मोरनर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया.
विलियम ऐस्को मोरनर, Chemistry के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
24 जून 1953 को जन्मे विलियम ऐस्को मोरनर एक अमेरिकन शारीरिक रसायनज्ञ और रासायनिक भौतिक विज्ञानी हैं. उन्हें पहले ऑप्टिकल पहचान प्राप्त करने और गाढ़े चरणों में एक अणु की स्पेक्ट्रोस्कोपी को सामने लाने का भी श्रेय दिया जाता है. इनके द्वारा किया गया एकल अणुओं का ऑप्टिकल अध्ययन बाद में भौतिक, रासायन और जीवविज्ञान के माध्यम से व्यापक रूप से खेतों में प्रयुक्त एकल अणु प्रयोग एक्सपेरिमेंट के लिए किया जाने लगा.
जीन टाईरोल, Economics के क्षेत्र में
9 अगस्त, 1953 को जन्मे इकोनॉमिक्स के फ्रेंच प्रोफेसर हैं जीन टाईरोल. जीन ने हमेशा से औद्योगिक संगठन, खेल सिद्धांत, बैंकिंग और वित्त, अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान पर फोकस किया है. 2014 में इकोनॉमिक साइंस के लिए मार्केट पावर और रेग्युलेशन पर इनके विश्लेषण को लेकर इन्हें नोबेल मेमोरियल प्राइज से सम्मानित किया गया.
पैट्रिक मोडियानो, Literature के क्षेत्र में
30 जुलाई, 1945 को जन्मे जीन पैट्रिक मोडियानो को फ्रेंच नोवलिस्ट और 2014 में लिट्रेचर के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता के रूप में जाना जाता है. इससे पहले इन्हें 2012 में यूरोपियन लिट्रेचर की ओर से ऑस्ट्रियन स्टेट प्राइज और 2010 में The Institut de France की ओर से भी पुरस्कृत किया गया. इनकी ओर से किए गए कामों का 30 से भी ज्यादा भाषाओं में अनुवाद किया गया है.
कैलाश सत्यार्थी, Peace के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
11 जनवरी, 1954 को जन्मे कैलाश सत्यार्थी भारतीय बच्चों के अधिकारों के वकील और चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम करने वाले सजग कार्यकर्ता हैं. इन्होंने 1980 में 'बचपन बचाओ आंदोलन' की स्थापना की और 144 देशों से 83 हजार से भी ज्यादा बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. इनके काम को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा गया. नोबेल शांति पुरस्कार इनमें से एक है.
मलाला यूसुफजई, Peace के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
12 जुलाई, 1997 को जन्मीं मलाला महिलाओं की शिक्षा पर काम करने वालीं पाकिस्तानी कार्यकर्ता और सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाली विजेता हैं. मलाला को खासतौर पर नॉर्थ वेस्ट पाकिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के लिए मानव अधिकारों की वकालत करने के लिए जाना जाता है, जहां लोकल तालिबान ने अर्से से लड़कियों को स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है. मलाला के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है.
इसामु आकासाकी, Physics के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
30 जनवरी को जन्मे इसामु आकासाकी एक जापानी वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता भी हैं. इन्हें खासतौर पर 1989 में उज्ज्वल गैलियम नाइट्राइड (GaN) p-n जंक्शन ब्लू LED और बाद में हाई ब्राइटनेस वाली GaN ब्लू LED के अविष्कार के लिए जाना जाता है. इसके और इसके जैसे कई कामों के लिए इसामु को 2009 में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में क्योटो पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही 2011 में इन्हें IEEE एडीसन मेडल भी पहनाया गया. वहीं इनको 2014 में हिरोशी अमानो और शूजी नाकामूरा के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया.
हिरोशी अमानो, Physics के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
11 सितंबर 1960 को जन्मे अमानो वह जापानी भौतिक विज्ञानी हैं जिन्हें 2014 में फिजिक्स के क्षेत्र में इसामु आकासाकी और शूजी नाकामूरा के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया गया. इन्हें Efficient blue light-emitting diodes के अविष्कार के लिए पुरस्कृत किया गया. गौरतलब है कि ये लाइट एनर्जी सेविंग के साथ-साथ ज्यादा रोशनी देने वाली है.
शूजी नाकामूरा, Physics के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
22 मई 1954 को जन्मे शूजी नाकामूरा कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज में Materials विभाग के जापानी-अमेरिकन प्राफेसर हैं. शूजी को लाइटिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे अहम ब्लू LED के अविष्कार के लिए जाना जाता है. उन्हें इसामु और हिरोशी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
जॉन-ओ-कीफे, Physiology or Medicine के क्षेत्र में संयुक्त रूप से
18 नवंबर, 1939 को जन्मे जॉन-ओ-कीफे लंदन यूनीवर्सिटी में एनोटॉमी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और The Institute of Cognitive Neuroscience में अमेरिकन-ब्रिटिश न्यूरो साइंटिस्ट हैं. इन्हें हिप्पोकैम्पस में कोशिकाओं की खोज और Theta phase precession में कोडिंग को लेकर खास खोज के लिए जाना जाता है. 2014 में इन्हें न्यूरोसाइंस में Discovery of specialized brain networks for memory and cognition के लिए कावली पुरस्कार मिला. वहीं इन्होंने Physiology और मेडिसिन में 2014 में मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड के साथ सम्मानित किया गया
मे-ब्रिट मोज़र, Physiology or Medicine के क्षेत्र में संयुक्त रूप से:
4 जनवरी 1963 को जन्मे मे-ब्रिट मोज़र नौर्वियन साइकॉलोजिस्ट, न्यूरो साइंटिस्ट और कावली इंस्टीट्यूट for Systems Neuroscience के फाउंडिंग डायरेक्टर हैं. 2014 में इन्हें एडवर्ड और जॉन-ओ-कीफे के साथ संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया.
एडवर्ड मोज़र, Physiology or Medicine के क्षेत्र में संयुक्त रूप से:
27 अप्रैल 1962 को जन्मे एडवर्ड मोज़र भी नौर्वियन साइकॉलोजिस्ट, न्यूरो साइंटिस्ट और कावली इंस्टीट्यूट for Systems Neuroscience के डायरेक्टर हैं. हाल ही में एडवर्ड मुनीच के पास The Max Planck Institute for Neurobiology से जोड़कर इनका नाम काफी प्रकाश में आया. जॉन-ओ-कीफे और मे-ब्रिट मोज़र के साथ संयुक्त रूप से इन्हें 2014 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.