भारत को बातचीत का न्यौता दे विरोधियों के निशाने पर पाक पीएम इमरान खान
इस्लामाबाद (पीटीआई)। भारत को बातचीत का न्यौता देकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। विपक्षी सांसदों ने इसके लिए उनकी खूब आलोचना की। उन्होंने कहा कि पीएम इमरान ने संसद को विश्वास में लिए बिना आतंकवाद और कश्मीर समेत अहम मसलों पर भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू करने का ऑफर दिया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद के ऊपरी सदन सीनेट में सोमवार शाम को भारत के साथ बातचीत शुरू करने को लेकर इमरान सरकार के प्रयासों पर चर्चा हुई। सीनेट के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता मियां रजा रब्बानी ने कहा, भारत को बातचीत का ऑफर दिया जाना समझ से बाहर है।
पत्र पर जाहिर की आपत्ति
उन्होंने कहा कि इमरान को मिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र एक औपचारिक था लेकिन इसके जवाब में भारत को बातचीत का प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद रब्बानी ने इमरान के पत्र में लिखी गई उस बात पर भी आपत्ति जाहिर की, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए भी तैयार है। इसके बाद पाकिस्तान में जमीयत उलमा-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद अब्दुल गफूर हैदरी ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने पर इमरान की आलोचना की। बता दें कि इमरान खान ने बीते 14 सितंबर को पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिवेशन के दौरान बातचीत की पेशकश की थी। इमरान ने यह पत्र प्रधानमंत्री मोदी के 18 अगस्त के उस पत्र के जवाब में लिखा था जिसमें मोदी ने उन्हें पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी थी।
24 घंटे के भीतर वार्ता रद
गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने 20 सितंबर, 2018 शाम को ही सुषमा स्वराज और उनकी पाकिस्तानी समकक्ष शाह मेहमूद कुरेशी के बीच बातचीत को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था लेकिन पाक आतंकियों द्वारा कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या और आतंकी बुहरान वानी को शहीद का दर्जा देते हुए पाकिस्तानी सरकार की तरफ से सम्मान में 20 डाक टिकट जारी करने के बाद इंडिया ने 24 घंटे के भीतर वार्ता रद कर दी थी।