अमेरिका में पीएम इमरान ने माना, पाकिस्तान में अभी भी 30,000 से 40,000 आतंकी
वाशिंगटन (एएनआई)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को एक चौंका देने वाला खुलासा किया है। उन्होंने अमेरिका में यह मान लिया है कि पाकिस्तान में अभी भी लगभग 30,000 से 40,000 आतंकवादी हैं, जो अफगानिस्तान या कश्मीर के कुछ इलाकों में ट्रेनिंग लेकर हमलों को अंजाम देते हैं। बता दें कि इमरान खान ने यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में अपने भाषण के दौरान यह बात कही। खान ने यह भी कहा कि उनसे पहले, पाकिस्तान में जो सरकारें थीं, वह राजनीतिक सुख के कारण देश में आतंकवादी समूहों को खत्म नहीं करना चाहती थीं। 150 स्कूली बच्चों की हत्या
अपने भाषण में खान ने कहा, 'पाकिस्तानी राजनीति में एक वाटरशेड थी। 2014 में, पाकिस्तानी तालिबान ने आर्मी पब्लिक स्कूल में 150 स्कूली बच्चों की हत्या कर दी। इस घटना के बाद सभी राजनीतिक दलों ने नेशनल एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर किए और हम सभी ने निर्णय लिया कि हम किसी भी आतंकवादी समूह को पाकिस्तान के अंदर काम करने की अनुमति नहीं देंगे। जब से हम सत्ता में आये हैं, तब आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की है लेकिन अभी पाकिस्तान में लगभग 30,000-40,000 आतंकी हैं, जो अफगानिस्तान या कश्मीर के कुछ इलाकों में ट्रेनिंग लेते हैं और हमले करते हैं।'
पिछली सरकारों ने अमेरिका को नहीं बताई सच्चाईउन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हम पहली सरकार हैं जिसने आतंकी समूहों को खत्म करना शुरू किया है। यह पहली बार हो रहा है। हमने उनके संस्थानों और उनके सेमिनारों को नष्ट कर दिया है। इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक अलग कार्यक्रम में यह भी कहा कि पाकिस्तान में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह हैं, जो उनकी सीमाओं के भीतर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछली सरकारें आतंकियों को नियंत्रण में नहीं रख सकती थीं और उन्होंने अमेरिका को सच्चाई नहीं बताई।कश्मीर पर ट्रंप के बयान के बाद अमेरिकी सांसद की पाकिस्तान को सलाह, भारत से बातचीत के लिए खत्म करें आतंकवादसेना नहीं देती आतंकियों को सुरक्षा
इसके अलावा उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद भारत में काम कर रहा है लेकिन पुलिस उन्हें नहीं संभाल सकती है और उनके लिए सेना की मदद की आवश्यकता है। खान ने कहा है, 'आम तौर पर यह कहा जाता है कि सेना आतंकी समूहों को सुरक्षा देती है। इसपर मैं यह कहना चाहूंगा कि अगर सेना हमारे पीछे खड़ी नहीं होती तो हम उनका खत्मा नहीं कर पाते। आप सेना की मदद के बिना आतंकियों से लड़ नहीं सकते। उन आतंकियों प्रशिक्षित किया जाता है, इन लोगों के पास अफगानिस्तान और कश्मीर के कुछ इलाकों में लड़ने का अनुभव भी है। पुलिस उनका सामना सकती है, इसलिए यह सेना हमारे देश में सभी आतंकवादी समूहों को नष्ट करने में हमारी मदद कर रही है।'