भारत के लिए क्यों अहम है ब्रिटेन का चुनावः 5 बड़े कारण
आगे की दिशा तय करने के पहले ब्रिटेन सरकार ने चुनाव कराने का निर्णय लिया।ये चुनाव ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के लिए तो अहम हैं ही, चुनाव नतीजों का ब्रिटेन-भारत संबंधों पर भी असर हो सकता है।लेकिन ये असर कैसा और कितना होगा, ये जानने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से जुड़ीं स्वाति ढींगरा के सामने बीबीसी ने पांच सवाल रखे।
भारत-ब्रिटेन संबंधों पर असर?भारत-ब्रिटेन रिश्ते पूरी तरह से चुनावी नतीजों पर निर्भर करता है क्योंकि ब्रिटेन की दोनों प्रमुख पार्टियों की राय अलग-अलग है।लेबर या लिबरल डेमोक्रेट्स की जीत से ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन के कस्टम यूनियन में बना रह सकता है। ऐसी सूरत में भारत-ब्रिटेन वार्ताओं की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।भारत को अपने हित का ख्याल रखना चाहिए। कई व्यापार संधियां ख़त्म हो रही हैं। आगे नए समझौतों में चौकन्ना रहना होगा।भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ताएं आसान नहीं होंगी। ब्रिटेन चाहेगी कि कारों पर आयात कर कम किया जाए।साथ ही वित्तीय सेवाओं और कानूनी फ़र्मों के भारत में प्रवेश की भी मांग हो सकती है।पहले भी ये मांगें उठ चुकी हैं लेकिन भारत को अपने हितों का ख़ास ख़्याल रखना होगा।
आप्रवासन पर असर?कंज़र्वेटिव पार्टी यूरोपीय यूनियन के देशों से सिर्फ़ एक लाख तक आप्रवासियों को ही ब्रिटेन आने देना चाहती है।इस वक्त ये संख्या दो लाख है और इसे कम करना काफ़ी बड़ी बात है।इसका मतलब यह है कि इसका असर भारत, पाकिस्तान और और बांग्लादेश से आने वालों पर भी पड़ेगा।लेकिन लेबर और लिबरल डेमोक्रेट्स आप्रवासन पर ढील देने को तैयार हैं।