प्रसन्न रहने की एक मात्र विधि आत्मनियंत्रण है। अपने आप पर नियंत्रण पा लेना ताकि आप अपनी इंद्रियों के वशीभूत न हों इसकी मदद से खुशी हासिल की जा सकती है।

परमहंस योगानंद।

प्रसन्न रहने की एक मात्र विधि आत्मनियंत्रण है। अपने आप पर नियंत्रण पा लेना, ताकि आप अपनी इंद्रियों के वशीभूत न हों, इसकी मदद से खुशी हासिल की जा सकती है। यदि आप बिजली के तारों में अत्यधिक बिजली प्रवाहित करते हैं, तो वे जल जाती हैं। इसी प्रकार हर बार जब आप अपनी पाचन प्रणाली पर बहुत अधिक भोजन का भार डालते हैं, तो जीवन शक्ति नष्ट हो जाती है। जब आप आवश्यकता से अधिक भोजन से दूर रहते हैं और जब उपवास करते हैं तो जीवन शक्ति को विश्राम मिलता है और वह पुन: शक्ति से भर जाती है।

लंबा उपवास करता है शरीर की मरम्मत

यदि आपका वाहन ठीक से कार्य नहीं कर रहा है, तो आप उसे गैराज में भेज देते हैं। कुछ समय के लिए यह तो ठीक चलता है और फिर उसमें कुछ और खराबी आ जाती है। आप उसे दोबारा मरम्मत करने के लिए भेज देते हैं। उसी प्रकार शरीर के लिए भी करना चाहिए। शरीर पर उपवास के अद्भुत प्रभाव पड़ते हैं। संतरे के रस पर यदि तीन दिन का उपवास रखा जाए, तो यह शरीर को अस्थायी रूप से ठीक कर देगा। लंबा उपवास शरीर की पूरी तरह से मरम्मत कर देगा। आपका शरीर इस्पात की भांति शक्तिशाली अनुभव करेगा। यदि आप स्थायी मरम्मत चाहते हैं, तो आपको हर समय यह भी जांच करनी होगी कि आप कौन-सा और कितना भोजन अपने शरीर को दे रहे हैं।

तीन दिन का उपवास संतरे के रस पर करना अच्छा

उपवास में क्या करना है, यह आपको पता होना चाहिए। इसलिए तीन दिन से अधिक लंबे उपवास के लिए उचित देख-रेख की आवश्यकता पड़ती है। व्यक्ति को उपवास में अभ्यस्त होने के लिए आरंभ में सप्ताह में एक दिन फलों पर अथवा महीने में तीन दिन का उपवास संतरे के रस पर करना अच्छा है। यह सत्य है कि लंबे उपवास में आरंभ के कुछ दिनों में आप कमजोरी अनुभव कर सकते हैं, क्योंकि जीवनी शक्ति भोजन पर निर्भर रहने की अभ्यस्त हो चुकी है। धीरे-धीरे जैसे-जैसे दिन बीतते जाते हैं, आप कोई कमजोरी अनुभव नहीं करते हैं। आपकी जीवनी शक्ति और चेतना भोजन से अनासक्त हो जाती है।

 

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Posted By: Kartikeya Tiwari