नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा आराधना करने से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। ऐसे में कल से आरंभ हो रहे चैत्र नवरात्र को धूमधाम से मनाने के लिए मंदिरों के साथ घरों में भी विशेष तैयारियां की गई हैं। नवरात्र में अधिकांश घरों में कलश या घट स्‍थापना भी की जाती है। ऐसे में कलश स्‍थापना से पहले यह जानना जरूरी हैं कि यह क्‍यों रखा जाता है। इसमें नारियल कुश पुष्प सुपारी सूत अनाज जैसी चीजों का क्‍या महत्‍व है। जानने के लिए यहां पढ़ें...


कलश रखना जरूरी: हिंदू धर्म में लगभग सभी धार्मिक कार्य में कलश की स्थापना होती है। इसे पूजन में देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि के प्रतीक के रूप में शामिल किया जाता है। कलश स्थापना से सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं की पूर्ति होती है। कलश में देवों का वास: कलश हमेशा तांबे, मिट्टी व पीतल के बर्तन में रखना शुभ होता है। मान्यता है कि कलश के मुख में विष्णुजी, कंठ में शंकर ही और मूल में ब्रह्मा जी हैं। वहीं इसके मध्य भाग में में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं। नारियल रखने का महत्व:
नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए भी उसे कलश स्थापना में उस पर रखा जाता है। नारियल का मुख साधक की ओर करके रखा जाता है। कहा जाता है कि इससे पूर्णफल प्राप्त होता है।  आखिर नौ दिन तक ही क्यों मनाते हैं नवरात्रस्वस्तिक का महत्व:


कलश वाले बर्तन पर रोली या फिर सिंदूर से स्वस्तिक बनाया जाता है। माना जाता है कि स्वस्तिक जीवन की चारों अवस्थाओं, जैसे बाल्य, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था का प्रतीक होता है। कैसे करें चैत्र नवरात्र के कलश की स्थापना और पूजा,क्या हैं मुहूर्त

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Posted By: Shweta Mishra