ग्लोबल इकोनाॅमी को लेकर IMF चीफ की चेतावनी, COVID-19 की दूसरी लहर से और हो सकता है नुकसान
वाशिंगटन (राॅयटर्स)। आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि महामारी को रोकने और उसका अर्थव्यवस्था पर असर कम करने को लेकर आर्थिक स्तर पर जो भी किया गया है उससे कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा हो गया है। इसके बावजूद इससे बाहर निकलने में यह प्रयास अभी शुरुआती स्तर पर ही है। उन्होंने अपने एक ब्लाॅग पोस्ट में लिखा है कि खतरा अभी टला नहीं है। यह पोस्ट उन्होंने शनिवार को होने वाली वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों के साथ वर्चुअल बैठक से पहले लिखी है। इस बैठक में दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश शामिल हो रहे हैं।राहत पैकज के जरिए बाजार में पैसे पर संकट बरकरार
पिछले महीने आईएमएफ ने दुनिया का अनुमानित ग्लोबल आउटपुट घटा कर 4.9 प्रतिशत कर दिया था। 2021 की अनुमानित रिकवरी से काफी कम है। जाॅर्जीवा ने कहा कि जी-20 के सदस्य देशों और अन्य देशों ने 11 ट्रिलियन डाॅलर के वित्तीय उपाय किए हैं। केंद्रीय बैंकों ने भी बड़ी मात्रा में बाजार में धन डाला है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरे से बाहर नहीं निकली है। संक्रमण के नये मामलों, जिंस कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव, घरेलू बाजार को संरक्षण, संपत्तियों की बड़ी लागत और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।
2008 की मंदी के बाद बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोगजाॅर्जीवा ने कहा कि 2008 की मंदी के बाद इस साल मार्च और अप्रैल के महीनों के दौरान कुछ देशों में काफी लोग बेरोजगार हुए हैं और उनके कुछ ऐसे भी हैं जो कभी काम पर नहीं लौट सकेंगे। वित्ती क्षेत्र के लिए नौकरी जाने, दीवाला और उद्योगों के पुनगर्ठन महत्वपूर्ण चुनौतियां लेकर आएगा। इसमें वित्तीय संस्थानों और निवेशकों को भारी आर्थिक नुकसान भी शामिल है। स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंकों और अंतरराट्रीय वित्तीय संस्थानों में सामंजस्य बनाए रखना जरूरी है। बेहतर कारोबार के लिए धन की कमी न हो इसके लिए नियमों में ढील देनी भी जरूरी है।