भारत सरकार द्वारा प्रॉविडेंट फंड यानी कि PF योजना की शुरुआत इंप्‍लॉइ के भविष्‍य को सिक्‍योर करने के लिए की थी. ऐसे में अब कोई इंप्‍लॉइ अपने PF एकाउंट से बार-बार पैसे निकालता है तो यह मंहगा पड़ सकता है. जी हां नये नियम के अनुसार 5 साल से पहले PF एकाउंट से पैसे निकालने पर 10 परसेंट का टीडीएस देना पड़ेगा.

(1) 5 साल की समय सीमा :- फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने नए बजट के तहत PF पर टीडीएस कटौती का प्रावधान जारी कर दिया है. जोकि 1 अप्रैल से लागू होगा. इस नए नियम के अनुसार PF एकाउंट होल्डर लगातार 5 साल से पहले अपने एकाउंट से पैसे निकालता है तो उस पर टीडीएस कटेगा. अब अगर PF एकाउंट होल्डर पुराने PF एकाउंट अथवा पुराने इंप्लॉयर से नए इंप्लॉयर में ट्रांसफर होता है तो भी इसकी गणना लगातार 5 साल के तौर पर की जाएगी. हालांकि PF से निकाली गई रकम 30 हजार रुपए से कम है तो उस स्थिति में टीडीएस नहीं देना पड़ेगा.
(2) जरूरी नहीं है EPF एकाउंट :- किसी भी इंप्लॉय के लिए पीएफ एकाउंट खुलवाना अनिवार्य नहीं होता है. जी हां यह सिर्फ आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आप इस सेविंग स्कीम का हिस्सा बनना चाहते हैं कि नहीं. यदि इंप्लॉय इस स्कीम में इंट्रेस्टेड नहीं है तो वह पीएफ एकाउंट के लिए साफ तौर पर मना कर सकता है. अब अगर आपका ऑर्गेनाइजेशन पीएफ एकाउंट को लेकर दबाव बनाता है, तो आप इसे तुरंत मना कर सकते हैं.
(3) इंश्योरेंस और पेंशन का लाभ :- पीएफ एकाउंट के दो एस्पेक्ट्स होते हैं. पहला होता है पेंशन और दूसरा है इंश्योरेंस. यह तो आपको पता है कि पीएफ में सैलरी का 12 परसेंट जमा होता है. इसी के साथ इंप्लॉय पेंशन स्कीम (EPS) में 8.33 परसेंट कटता है. यह एमाउंट इंप्लॉय को रिटायरमेंट के बाद मिलता है. इसके अलावा सर्विस पीरियड के दौरान इंप्लॉय का इंश्योरेंस कवर रहता है. सर्विस के दौरान अगर कुछ दुर्घटना होती है, तो आपको 5,000 से 2,00,000 तक का इंश्योरेंस मिलता है. हालांकि यह एमाउंट इंप्लॉय की डिपॉजिट पर बेस्ड होता है.
(4) 12% से ज्यादा जमा हो सकता है पैसा :- किसी पीएम एकाउंट में सैलरी का 12% ही जमा होता है, जोकि एक स्टैंडर्ड फिगर है. लेकिन क्या आपको पता है कि यह एमाउंट 12% से भी ज्यादा का हो सकता है. जी हां अगर कोई इंप्लॉय अपने पीएफ एकाउंट में कांट्रिब्यूशन एमांउट को बढ़ाना चाहता है तो इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है. आप 12% से ज्यादा भी पीएम में पैसा जमा कर सकते हैं.
(5) 20 इंप्लॉय हैं अनिवार्य :- कोई ऑर्गेनाइजेशन EPFO में तभी रजिस्टर्ड होगी, जब उसके इंप्लॉयज की संख्या 20 से अधिक हो. जी हां 20 इंप्लॉय से अधिक होने पर ही ऑर्गेनाइजेशन ईपीएफ सेविंग स्कीम के अंतर्गत आ सकती है. इसके साथ ही EPFO में कंपनी एक बार रजिस्टर्ड हो जाती है, तो कंपनी के इंप्लॉयज की संख्या 20 से नीचे जाने पर भी वह इससे बाहर नहीं होंगे.
(6) सबसे अधिक इंट्रेस्ट रेट :- EPFO इस समय सबसे अधिक इंट्रेस्ट रेट (12%) दे रहा है. यह अभी तक का सबसे हाइएस्ट रेट है. इसे 1990-2000 के बीच लाया गया था, जो अभी तक जारी है. इसके अलावा 1952-55 के बीच EPFO ने सबसे कम (3%) इंट्रेस्ट रेट दिया था. आपको बताते चलें कि पीएफ एकाउंट में उपलब्ध सरप्लस के अनुसार ही इंट्रेस्ट रेट वैरी करता है.
(7) कोई उम्र सीमा नहीं :- पीएफ का यह सबसे इंट्रेस्टिंग फैक्ट है कि, पीएफ एकाउंट खोलने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है. यदि सभी कंडीशन एप्लीकेबल हैं तो आप कभी भी पीएफ एकाउंट खोल सकते हैं. हालांकि पेंशन स्कीम के तहत उम्र सीमा 58 साल निर्धारित की गई है.
(8) नॉमिनेशन है जरूरी :- पीएफ स्कीम के तहत नॉमिनेशन प्रोसेस भी जरूरी है. पीएफ एकाउंट होल्डर अपने परिवार के किसी सदस्य को नॉमिनेट कर सकता है. एकाउंट होल्डर की असमय मुत्यु होने पर पीएफ एकाउंअ का पैसा नॉमिनेअ किए गए व्यक्ति को मिल जाता है.

 

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari