ICC World Cup 2019 : कैसे बनती है क्रिकेट वर्ल्डकप ट्राॅफी
कानपुर। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2019 की दो फाइनलिस्ट टीमें मिल गईं। 14 जुलाई को इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड के बीच खिताबी मुकाबला होगा। जो भी टीम यह मैच जीतेगी वह पहली बार वर्ल्डकप ट्राॅफी उठाएगी। जिस विश्वकप ट्राॅफी का सपना दुनियाभर की टीमें देखती हैं उसके बनने की कहानी भी कम रोचक नहीं है। मौजूदा वक्त में जिस वर्ल्डकप ट्राॅॅफी को हम देखते हैं वह पहले ऐसी नहीं थी। क्रिेकट विश्वकप के शुरुआती छह सीजन्स में हर बार अलग-अलग डिजाइन की ट्राॅफी विजेता को प्रदान की जाती थी मगर 1996 के बाद से आईसीसी ने एक नई ट्राॅफी को जन्म दिया।
11 किग्रा वजनी है वर्ल्डकप ट्राॅफी
इस समय जिस वर्ल्डकप ट्राॅफी को हम देख रहे हैं उसकी डिजाइन लंदन में पाॅल माॅर्सडेन ऑफ गारर्ड एंड कंपनी ने की थी। इस ट्राॅफी का वजन 11 किग्रा है और ऊंचाई 65 सेमी है। यह पिछली सभी विश्वकप ट्राॅफी से काफी लंबी है। इस ट्राॅफी को सिल्वर और गोल्ड रंग से रंगा जाता है, जिसमें बीच में एक ग्लोब है जिसे क्रिकेट बाॅल की शक्ल दी गई है। ये ग्लोब तीन पिलर पर रखा गया है। इन पिलर्स को स्टंप माना गया है। वहीं नीचे एक गोलाकार बेस है जिस पर विजेता टीम का नाम लिखा जाता है।
How do you actually make a trophy like the @cricketworldcup?
Ahead of the #CWCTrophyTour, here's a peek into its manufacture! 🏆 pic.twitter.com/M7QYWmrYm8
कैसे बनती है ये ट्राॅफी
वर्ल्डकप ट्राॅफी बनाने में कई लोगों को हाथ होता है। इसमें तीन स्टेज मुख्य होते हैं। पहला डिजाइन, फिर मैन्यूफैक्चरिंग और आखिर में नक्काशी। ट्राॅफी को बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर स्टीवेन ओटविल कहते हैं कि, क्रिकेट वर्ल्डकप ट्राॅफी को डिजाइन करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती दी क्योंकि हम दुनिया को ऐसा कप देने वाले थे जो वर्ल्डक्लाॅस लगे।
ऐसे तैयार होती है मेटल की बाॅडी
आईसीसी वर्ल्डकप ट्राॅफी को क्रिकेट से जोड़ने के लिए उसे ऐसा तैयार किया जाता है। इसके लिए क्रिकेट बाॅल जैसा ग्लोब, विकेट जैसा पिलर तैयार किया जाता है। इसे बनाने वाले जेम्स लाॅन्गस्टाॅफ कहते हैं, 'वर्ल्डकप ट्राॅफी को बेहतर बनाने के लिए हमें इसकी कटिंग से लेकर हैमरिंग तक काफी कुछ करना पड़ता है।
आखिर में होती है नक्काशी
क्रिकेट वर्ल्डकप ट्राॅफी में ग्लोब वाले हिस्से में आपको पूरी दुनिया का नक्श नजर आता है, जिसे डेविड बेडफोर्ड खुद अपने हाथों से बनाते हैं। करीब 50 सालों से नक्काशी कर रहे बेडफोर्ड कहते हैं, 'किसी भी बारीक चीज में नक्काशी करने के लिए आपके हाथ फ्री होने चाहिए।' एक बार ग्लोग में नक्काशी होने के बाद उसे तीन पिलर और बेसमेंट के साथ असेंबल कर दिया जाता है। इसी के साथ क्रिकेट वर्ल्डकप ट्राॅफी तैयार हो जाती है।
Meet David Bedford, the man who engraved the trophy. He talks us through an art that allows no room for error. pic.twitter.com/GODCqGygHN— ICC (@ICC)