ICC World Cup 2019 : कपिल देव की वो वर्ल्ड कप पारी, जो किसी कैमरे में रिकाॅर्ड नहीं की गई
कानपुर। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का आगाज 30 मई से इंग्लैंड में हो रहा। विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम तीसरी बार वर्ल्ड कप जीत की आस में इंग्लैंड रवाना होगी। इस बार ताज किसके सिर सजेगा, यह तो वक्त बताएगा। मगर भारत इस प्रतियोगिता में दो बार (1983, 2011) चैंपियन बन चुका है। पहली बार 1983 में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने फतह हासिल की थी। उस वर्ल्ड कप में कपिल ने जिंबाब्वे के खिलाफ 175 रन की यादगार पारी खेली थी। हालांकि कपिल की इस पारी को कैमरे में रिकाॅर्ड नहीं किया गया।
कपिल ने अकेले दम पर जिताया था मैच
जिंबाब्वे की टीम मौजूदा समय में भले ही काफी फिसड्डी हो गई है लेकिन एक समय इस टीम की बैटिंग और बॉलिंग दोनों काफी मजबूत हुआ करती थी। 1983 वर्ल्डकप में 20वें मैच भारत और जिंबाब्वे के बीच खेला गया था। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 15 रन के भीतर ही आधी भारतीय टीम पवेलियन लौट चुकी थी। ऐसे में कपिल देव क्रीज पर उतरे और उन्होंने हालात को समझते हुए एक कप्तानी पारी खेली। कपिल ने इस मैच में 138 गेंदों में 175 रन बनाए थे। यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ितगत स्कोर भी है। भारत ने जिंबाब्वे के सामने 267 रन का टारगेट रखा लेकिन जिंबाब्वे यह मैच 31 रन से हार गया था।
वनडे में एकमात्र शतक, जो रिकाॅर्ड नहीं हुआ
भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर रहे कपिल देव ने कुल 225 वनडे मैच खेले हैं लेकिन उन्होंने सिर्फ एक शतक ही लगाया है और वो भी जिंबाब्वे के खिलाफ। अन्य किसी भी टीम के खिलाफ वह एकदिवसीय मैच में कभी भी शतक नहीं लगा पाए। हालांकि उन्होंने 14 अर्धशतक लगाए हैं। इतना खास होने के बावजूद कपिल के इस वनडे शतक का लाइव ब्राॅडकाॅस्ट नहीं हुआ था। दरअसल जिस दिन भारत बनाम जिंबाब्वे के बीच ये मैच खेला गया, उस दिन बीबीसी की स्ट्राइक थी। ऐसे में किसी भी कैमरे से कपिल की पारी को रिकाॅर्ड नहीं किया गया।
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कपिल की कप्तानी में भारत ने सबको चौंकाया
1983 वर्ल्ड कप सबसे चर्चित विश्व कप में एक माना जाता है। इसकी वजह थी भारत का प्रदर्शन। उस वक्त टीम इंडिया को कोई भी वर्ल्ड कप का दावेदार नहीं मान रहा था। यहां तक कि भारतीय टीम के कुछ सदस्यों को भी अपनी जीत की उम्मीद नहीं थी। मगर एक बार टूर्नामेंट शुरु हुआ तो ग्रुप मैचों में भारत ने वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों को पटखनी दी। भारत ने ग्रुप में 6 मैचों में 4 में जीत दर्जकर सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां इंग्लैंड को 6 विकेट से हराकर पहली बार फाइनल का टिकट कटाया। बाद में फाइनल में भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप खिताब जीता।