ICC World Cup 2019 : फील्डिंग करते हुए ठंड में ऐसे हाथ गरम रखेंगे भारतीय खिलाड़ी
नाॅटिंघम (पीटीआई)। भारत बनाम ऑस्टे्रलिया वर्ल्डकप मैच में कंगारु गेंदबाज एडम जाम्पा को बार-बार जेब में हाथ डालने को लेकर काफी विवाद हुआ था। लोगों का कहना था कि जाम्पा बाॅल टेंपिरंग कर रहे हैं जबकि वह जेब में रखे हैंड वार्मर से अपना हाथ गरम कर रहे थे। ऐसा ही कुछ टीम इंडिया के खिलाड़ी आगामी मैचों में करेंगे। भारतीय क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच श्रीधर का कहना है कि, इंग्लैंड में इतनी ठंड पड़ रही है कि खेल के दौरान फील्डरों को अपने हाथ गरम रखने के लिए हैंड वार्मर का ही इस्तेमाल करना होगा। बता दें आईसीसी के नियमों के मुताबिक हैंड वार्मर के इस्तेमाल पर कोई मनाही नहीं है।बारिश और ठंड से बेहाल है पूरा इंग्लैंड
इंग्लैंड में इन दोनों बारिश और ठंड से जनजीवन काफी अस्त-व्यस्त है। यूके के कई हिस्सो में तेज बारिश से वर्ल्डकप मैच भी प्रभावित हो रहे हैं। गुरवार को नाॅटिंघम में आयोजित भारत-पाकिस्तान मुकाबला भी बारिश में धुल गया। अब तक टूर्नामेंट के चार मैच बारिश के कारण रद करने पड़े हैं। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान श्रीलंकन टीम को हुअा जिनके दो मैच बारिश में धुल गए। इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ मैच शामिल हैं। इन दोनों मैचों में एक भी गेंद नहीं फेंकी गई थी। वहीं साउथैप्टन में साउथ अफ्रीका बनाम वेस्टइंडीज के बीच मैच में 7.3 ओवर खेले गए थे फिर बारिश के बाद मैच रद करना पड़ा। और अब भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच भी इस लिस्ट में शामिल हो गया।Ind vs NZ मैच हुआ रद, इस वर्ल्डकप ये 4 मैच धुल गए पानी में
BCCI ने यह कर दिया तो शिखर धवन ठीक होने के बाद भी वर्ल्डकप नहीं खेल पाएंगेवर्ल्डकप मैचों पर खतरा
यूके के बिगड़ते मौसम को देखते हुए वर्ल्डकप में आने वाले मैचों पर खतरा मंडरा रहा है। अभी टूर्नामेंट के 30 मैच बचे हैं, सभी पूरे हो पाएंगे इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता।अाईसीसी ने काफी सोच-समझकर शेड्यूल तय किया था। मगर इंग्लैंड में इतनी बारिश हो जाएगी यह किसी ने नहीं सोचा था। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के चीफ एक्जीक्यूटिव डेव रिचर्डसन ने हाल ही में कहा था कि, विश्वकप का आयोजन इंग्लैंड में इसलिए किया गया था क्योंकि यहां जून में बारिश लगभग न के बराबर होती है। मगर इस साल इस महीने औसतन से दोगुनी बारिश हो रही है जिसका असर वर्ल्डकप मैचों में पड़ रहा है। आमतौर पर यूके में जून का महीना तीसरा सबसे सूखा महीना माना जाता है। साल 2018 में इंग्लैंड में जून में सिर्फ 2 मिमी बारिश हुई थी कि जबकि पिछले 24 घंटों में साउथ ईस्ट इंग्लैंड में करीब 100 मिमी बारिश हो चुकी है।