IAS Pooja Khedkar: ऑडी वाली ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों काफी चर्चा में है। अब एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां किसान को पिस्तौल से धमकाती नजर आईं। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। आइए जानें क्या है ऑडी वाली ट्रेनी आईएएस पूजा का पूरा मामला...


पुणे (एएनआई)। IAS Pooja Khedkar: ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का मामला तेजी से तूल पकडता जा रहा है। उनकी उम्मीदवारी की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक पैनल गठित किए जाने के एक दिन बाद, उनकी मां मनोरमा खेडकर के खिलाफ एक किसान को पिस्तौल से धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। यह सब एक वायरल वीडियो के बाद हुआ है, जो कथित तौर पर एक साल पुराना है, जिसमें मनोरमा खेडकर अपने हाथ में पिस्तौल लेकर एक किसान को धमकाती नजर आई थीं। पुलिस ने कहा, "पुलिस ने मनोरमा खेडकर, दिलीप खेडकर, ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के माता-पिता और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एक स्थानीय किसान की शिकायत के आधार पर कल रात पौड पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई, जिसने आरोप लगाया कि उसे मनोरम खेडकर ने धमकाया था। आर्म्स एक्ट के तहत आरोप भी शामिल किए गए हैं।सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया गया
केंद्र सरकार ने गुरुवार को खेडकर के एक सिविल सर्वेंट के रूप में सत्ता के कथित दुरुपयोग पर विवाद के बाद उनकी उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल्स की पुष्टि करने के लिए एक सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया है। कार्मिक मंत्रालय ने एक बयान में घोषणा की, जिसमें जोर दिया गया कि कमेटी की अध्यक्षता केंद्र सरकार के तहत अतिरिक्त सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाती है और यह दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। पूजा के पारिवारिक बंगले और अन्य बंगलों के बाहर फुटपाथ पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ पुणे नगर निगम भी कार्रवाई कर सकता है, बंगले के पास बुलडोजर स्टैंडबाय पर देखे जा सकते हैं।इस तरह विवादों में घिरी ट्रेनी आईएएस महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 841 हासिल की है, हाल ही में उस समय विवाद में आ गई थीं, जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का अपनी निजी ऑडी कार पर इस्तेमाल किया था। उन्होंने ऐसी सुविधाओं की भी मांग की, जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को उपलब्ध नहीं हैं। पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर ने 3 जून को ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही बार-बार मांग की थी कि उन्हें एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराया जाए।

Posted By: Shweta Mishra