आप 23 लाख की बाइक खरीदना पसंद करेंगे?
50 वर्षीय पवन की आँखों पर दशकों तक इस्तेमाल में लाए गए रासायनिक रंगों का असर देखा जा सकता है. लेकिन उन्हें इस बात की फिक्र नहीं है. पुरानी मोटरसाइकिलों को स्प्रे पेंट से रंगने का उनका काम और जिस तरीक़े से वे इसे करते हैं दोनों ही अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही हैं.लेकिन अब उनके ग्राहक बदल गए हैं. अब उनके पास नौजवान हिंदुस्तानियों की एक नई नस्ल आ रही है जो ख़ास तरह की मोटरसाइकिलों के जरिए अपनी छवि गढ़ना चाह रहे हैं. क्रोमियम चढ़ी हुई चमकती प्लेटें, आग के शेड वाले लाल रंग या फिर ब्रितानी फैशन वाला हरा रंग इन नौजवानों का अलग ही किरदार पेश करता है.
इन ग्राहकों के पास या तो अधिक ताक़तवर इंजन वाली बाइक ख़रीदने का विकल्प है या फिर पुरानी मशीन को अपनी पसंद के मुताबिक कसवा लेने का. इनके सपने भारत की सड़कों पर चलने वाली ज्यादातर 125 सीसी के मोटरसाइकिलों के मालिकों से अलग हैं जिनकी तादाद तक़रीबन एक करोड़ होगी.महँगी मोटरसाइकिलें
और उसके साथ ही भारत में महँगी सुपरबाइकों का बाज़ार तय हो गया. उसने बिक्री के बाद की सेवाओं और 'इंडिया बाइक वीक' जैसे सालाना कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. 'इंडिया बाइक वीक' की दूसरी कड़ी का आयोजन इस साल जनवरी में किया गया था.2007 में उसने 200 सुपरबाइक बेची थी जबकि बिक्री का ये आंकड़ा अब बढ़कर 400 बाइक सालाना पर पहुँच गया है. हालांकि भारत में हर महीने बिकने वाले आठ लाख मोटरसाइकिलों की तुलना में ये आंकड़े बेहद मामूली से लगते हैं लेकिन हार्ले डेविडसन की सालाना बिक्री दो अंकों में बढ़ रही है और भारत की सड़कों पर इसकी चार हज़ार मोटरसाइकिलें मौजूद हैं.हार्ले डेविडसन इंडिया के अनूप प्रकाश कहते हैं, "यहाँ का बाज़ार उम्मीदें जगाने वाला है. ग्लोबल ब्रांड्स के लिए लोग चाहत रखते हैं. कारोबार और मौज मस्ती दोनों के लिहाज से ही यहाँ सुविधाएँ बढ़ रही हैं और तेजी से तरक्की हो रही है. भारत और चीन दुपहिया वाहनों के मामले में दुनिया के दो बड़े बाज़ार हैं और मोटरसाइकिलों के मामले में तो भारत कहीं आगे है. इसलिए हम यहाँ मजबूती से टिके हुए हैं."ट्रायम्फ़
हालांकि 23 लाख रुपये ख़र्च करने के लिए ज़्यादातर ग्राहकों के पास पैसा नहीं होगा लेकिन महंगी मोटरसाइकिलों के चढ़ते बाज़ार ने मायापुरी जैसी जगहों में छोटे छोटे स्तरों पर फलते फूलते कारोबार को भी सहारा दिया है.पुरानी बुलेट की रिपेयर करने वाली 'ओल्ड दिल्ली मोटर साइकिल्स' के मालिक बॉबी सिंह कहते हैं कि उनके पास ग्राहकों की पसंद के मुताबिक डिजाइन बनवाने वाले लोगों का आना लगातार बढ़ता जा रहा है.