मैं एक रूढ़िवादी परिवार से आती हूं: प्रियंका चोपड़ा
एक ऐसी ही सड़क है जो अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के लिए बेहद ख़ास बन गई है. इस सड़क को उनके पिता का नाम जो मिल गया है. बीते सोमवार को उनके पिता की पहली पुण्यतिथि थी और इसी मौक़े पर बॉम्बे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) ने उनके पिता को सम्मानित किया.
रूढ़िवादी परिवार
'दोस्ताना' और 'डॉन' जैसी फ़िल्मों में अपनी बोल्ड अदा दिखाने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा एक रूढ़िवादी परिवार से आती हैं. आज वो जो कुछ भी हैं, जितनी भी शौहरत उनके पास है इस सबके लिए वो अपने परिवार और ख़ास तौर पर अपने पिता का शुक्रिया करती हैं.
प्रियंका बताती हैं, "मैं पैदा हुई हूं एक बहुत ही रूढ़िवादी परिवार में जहाँ लड़के और लड़कियों में बहुत फ़र्क़ होता है. लड़के बाहर जा सकते हैं और लड़कियां नहीं जा सकती. लेकिन मुझे हमेशा मेरे माता पिता ने मेरी मदद की. उन्होंने मुझे कभी भी किसी चीज़ को करने के लिए नहीं रोका.
वो आगे कहती हैं, "मुझे याद है मैं जब 13 साल की थी तो मैंने अपनी माँ से अमरीका में पढ़ाई करने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की थी और उन्होंने मेरे पापा से इस बारे में बात की. मुझे डर था कि कहीं मेरे पिता मना तो नहीं कर देंगे पर इसके विपरीत उन्होंने मुझे कहा कि अगर मुझे लगता है कि अमरीका में पढ़ाई से मुझे फ़ायदा होगा तो मैं जा सकती हूं. उन्होंने मुझे काफ़ी सपोर्ट किया."
घर से दिखती है सड़क
प्रियंका ने कहा, "इस सड़क के बारे में मुझे पिछले महीने पता लगा. मुझे और मेरे परिवार को बहुत आश्चर्य हुआ. वे बहुत भावुक हो गए थे. मेरे पिता ने रॉटरी के ज़रिए काफ़ी काम किया आर्मी में भी उन्होनें काफ़ी किया."
वो आगे कहती हैं, "ये सड़क बिल्कुल हमारे घर से निकलते ही दिखती है और उसी सड़क को मेरे पिता का नाम देना, ये बात मुझे बहुत ही भावुक कर देती है. समझ नहीं आ रह की मैं इसे कैसे बयान करूं."
मैरीकॉम पर फ़िल्म
प्रियंका चोपड़ा ने मुक्केबाज़ मैरी कॉम पर बन रही एक फ़िल्म में काम किया है. मैरी कॉम भारतीय मुक्केबाज़ हैं जिन्होंने साल 2012 में हुए लंदन ओलंपिक्स में मुक्केबाज़ी के 51 वर्ग किलो श्रेणी में कांस्य पदक जीता था. पर क्या ये फ़िल्म मैरी कॉम के जीवन पर ही आधारित है? क्या ये उनकी जीवनी है?
प्रियंका ने इसके जवाब में कहा, "देखिए ये जो फ़िल्म है मैरी कॉम के बारे में इसमें आपको एंटरटेनमेंट तो मिलेगा पर ये कहना ग़लत होगा कि ये मैरी कॉम की बायोग्राफी है." वो आगे कहती हैं, "ये फ़िल्म कहानी है उस महिला की जिसने समाज के दायरे से बाहर निकालकर अपनी पहचान बनाने के बारे में सोचा. वो एक दूर दराज़ के इलाक़े से आई है, उसके माता पिता किसान हैं और उनके पास ज़्यादा पैसे नहीं हैं लेकिन मैं अपने आपको जितना बड़ा बना सकूं बनाउंगी."