बॉलीवुड एक्‍टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज इंडस्‍ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। इसके बावजूद वो खुद को अभी भी एक एक्‍टर ही कहलाना पसंद करते हैं स्‍टार नहीं। इसके आगे खुद उनका कहना है कि उनको फिल्‍म में कोई अच्‍छा रोल मिले तो वह करने को तैयार हैं फिर भले ही वह कुछ मिनट का क्‍यों न हों।

ये होता है अंतर दोनों के बीच
स्टार और एक्टर के बीच अंतर को लेकर नवाजुद्दीन का कहना है कि स्टार तो कोई भी बन सकता है, वह तो एक एक्टर हैं। अच्छा एक्टर बनने के लिए सही मायनों में प्रोफेशनलिज्म चाहिए। ऐसे में स्टार बनना बहुत मुश्किल है। वहीं दूसरी ओर स्टार बनने के बाद आपकी एक पहचान बन जाती है। आप कहीं भी स्वतंत्रता के साथ घूम-फिर भी नहीं सकते।   
ऐसा था मौका
बता दें कि नवाज यहां अपनी जल्द रिलीज होने वाली किताब पर बातचीत के दौरान ये बातें कर रहे थे। नवाजुद्दीन की ये किताब इस साल पेंगुइन रैंडम हाउस की ओर से प्रकाशित की जाने वाली है। गौरतलब है कि नवाजुद्दीन ने हाल ही में ब्रिटिश मॉडल और एक्ट्रेस एमी जैक्सन के साथ रोमैंटिक फिल्म की शूटिंग पूरी की है।  
बताई खुद की बातें
इस मौके पर उन्होंने खुद से जुड़ी कुछ बातों को याद किया। इस क्रम में उन्होंने बताया कि एक समय था जब वह लड़कियों से बात तक करने में घबराते थे। उन्होंने बताया कि जब वह अपने छोटे से कस्बे से दिल्ली आए तो वह इस बात को सोचकर परेशान थे कि दिल्ली में तो लड़कियां सिगरेट और शराब तक पीती हैं।
स्वीकारा इस बात को
तब उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि एक समय तो वह सोचते थे कि सिगरेट और शराब पीने से लड़कियों का चरित्र खराब होता है। वहीं अब समझ में आता है कि सिर्फ शराब और सिगरेट पीने से किसी का चरित्र निर्धारित नहीं किया जा सकता। मुंबई में अपने संघर्ष की बातें बताते हुए नवाज ने कहा कि उन्होंने यहां बहुत संघर्ष किया। वो समय ऐसा था कि किसी भी फिल्म में कोई भी सीन उनको मिलता तो वह बिना सोचे समझे करने के लिए तैयार हो जाते।

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Posted By: Ruchi D Sharma