कभी गद्दाफी की कैद में रहे लोग अब गद्दाफी के लोगों को कर रहे तलाश. गद्दाफी के लोगों के लिए सबसे बड़ा ईनाम है हादी अल-बेरेज और मोहम्मद आब्दो.


लीबिया में गद्दाफी के खिलाफ मोर्चा खुला हुआ है. नाटो फोर्सेज और रेबेल फाइटर्स उनके खिलाफ लगातार हमले कर रहे हैं. वहीं कुछ लोगों ने गद्दाफी और उनके सोल्जर्स को ढूंढने का मिशन चला रखा है. इस मिशन को एक ऐसा शख्स लीड कर रहा है जो गद्दाफी की कैद में 13 दिनों तक रहा है. इसका नाम है फातही शेरिफ. उन 13 दिनों की कैद को याद करते हुए शेरिफ कहते हैं कि ना तो हमें खाना दिया जाता था और ना ही वहां पर टॉयलेट था. एक स्टील कंटेनर के अंदर हमें सांस लेने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था. अब उन्हें बदला चुकाने का मौका मिला है और वे किसी भी कीमत पर इसे चूकना नहीं चाहते. दो हफ्ते पहले हुए आजाद


शेरिफ को उनके पांच भाइयों के साथ पिछले साल मार्च में रेबेलियंस को सपोर्ट करने के आरोप में जेल में डाल दिया गया था. दो हफ्ते पहले विद्रोहियों ने आइन जारा जेल की दीवारों को तोड़ दिया और शेरिफ अपने साथियों के साथ आजाद हो गए. इसके बाद से यह 49 साल का बिजनेसमैन लीबिया की लड़ाई में खासा इंपॉर्टेंट हो गया है. उन्होंने खुद अपना टास्क तय किया है और यह है गद्दाफी के शासनकाल के सीनियर ऑफिशियल्स को ढूंढना. शेरिफ कहते हैं कि हम हर तरफ देख रहे हैं. हमारे पास लोग हैं जो इस मिशन को अंजाम दे रहे हैं. शेरिफ ने अपनी ऑफिस गद्दाफी के पुराने इंटर्नल सिक्योरिटी हेडक्वॉर्टर्स में अपना ऑफिस बना रखा है. उनके आदमियों में ज्यादातर पुराने कैदी ही हैं. शेरिफ बताते हैं कि उनके पास करीब 15 वॉलंटियर्स हैं.  दो हफ्तों में 35 पकड़ेपिछले दो हफ्तों के अपने काम के अंदर ही शेरिफ और उनके लोगों ने गद्दाफी के 35 लोगों को पकड़ा है. इनमें से कुछ मंत्री और गद्दाफी के सहायक हैं. इन्हीं मे से एक है अहमद रमादान. वह गद्दाफी का बहुत बड़ा हेल्पर रहा और डिक्टेटर के आदेशों का पालन करवाने के लिए जिम्मेदार रहा है. शेरिफ के लोगों ने रमादान को त्रिपोली के बाहरी इलाके में स्थित सेराज के फार्म से पकड़ा. जब इन लेागों ने इस घर पर धावा बोला तो रमादान ने खुद को गोली मारने की कोशिश की, मगर वह बच गया.Biggest prize

गद्दाफी के लोगों के लिए सबसे बड़ा ईनाम हादी अल-बेरेज और मोहम्मद आब्दो हैं. अल-बेरेज गद्दाफी के सिक्योरिटी ऑपरेशन रूम का हेड था और उसने पूरे देश में सिक्योरिटी ऑपरेशंस को को-ऑर्डिनेट किया था. वहीं आब्दो गद्दाफी की मिलिट्री पुलिस के छह लोगों वाले कंट्रोल रूम का हेड था. इन दोनों को 30 अगस्त को पकड़ा गया था. हालिया वीकडे के दिन शेरिफ के लोगों ने दो महिलाओं को भी पकड़ा है. इन दोनों ने अपराइजिंग के दौरान गद्दाफी की हेल्प की थी. इनमें से एक गद्दाफी की मिनिस्ट्री ऑफ वुमन अफेयर्स को हेड कर चुकी है. फिलहाल दोनों से पूछताछ चल रही है.

Posted By: Divyanshu Bhard