प्रवासियों को रोकने के लिए हंगरी में आपातकाल की घोषणा, सीमा पर तैनात होगी सेना
ऐसा वोले पीएम विक्टर
इस बाबत जानकारी देते हुए पुलिस की प्रवक्ता विक्टोरिया सिराजर कोबाक्स ने बताया है कि सर्बिया की सीमा को पार करके आए 60 अन्य लोगों को फिलहाल हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार किए गए ये सभी लोग सीरिया और अफगानिस्तान से आए थे। बता दें कि हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑरबन ने ये बात पूरी तरह से साफ कर दी है कि सर्बिया से हंगरी आने वाले शरणार्थियों के यहां पनाह देने के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
तेजी होगी कानूनी प्रक्रिया
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शरणार्थी अगर चाहें खुद के खिलाफ कार्रवाई करवाना, तो वो इस जोखिम को उठाकर ही यहां आ सकते हैं। आपातकाल के बाद प्रशासन को संकट से निपटने के लिए खुद ब खुद अधिक ताकत मिल जाती है। इसके मद्देनजर अब प्रशासन अपनी सड़कों को बंद कर सकेगा और सार्वजनिक संस्थानों के काम की सीमा को भी तय कर सकेगा। इस कदम से शरण मांगने की कानूनी प्रक्रिया भी तेजी पकड़ लेगी।
तकनीकी नजरिए से जरूरी है ये
वैसे तकनीकी नजरिए पर गौर करें तो सेना की तैनाती के लिए संसद की मंजूरी अनिवार्य होती है। फिलहाल वहां पहले ही बड़ी संख्या में सशस्त्र सैनिकों को वाहनों और कुत्तों के साथ में देखा गया है। इस तरह की भी जानकारी है कि आपातकाल के घोषित होने के बाद सख्त से सख्त कानूनों को अमल में लाया जाएगा। इन कानूनों का उद्देश्य देश में शरण मांगने वालों के प्रवेश पर लगाम कसना है। बताते चलें कि मंगलवार सुबह हंगरी के अधिकारियों ने सर्बिया की सीमा पर स्थित सात क्रॉसिंगों को बंद कर दिया था।