‘Hum tum shabana’ high-pitched disaster
ऋषि (तुषार कपूर) और कार्तिक (श्रेयस तलपड़े) एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के एग्जिक्यूटिव हैं. ये कंपनी जल्दी ही एक ब्यूटी पेजेंट ऑर्गनाइज करने वाली है. मिनिषा लांबा एक यंग कंटेस्टेंट का रोल प्ले कर रही हैं, जो कि एक जोरदार मिसकास्टिंग है. ऋषि और कार्तिक, दोनों को उससे प्यार हो जाता है और दोनों उसका दिल जीतने के लिए कई छोटेपन की हरकतें करते हैं. मगर शबाना का एक सीक्रेट भी है.
वह एक डॉन (सतीष कौशिक) की बेटी है जो उसे खुश रखने के लिए किसी भी लिमिट तक जा सकता है. उफ्फ! ये डिस्कनेक्ट. स्क्रिप्ट! ओह सॉरी! असल में फिल्म की बेसिर पैर की स्टोरी और डायलॉग्स को स्क्रिप्ट कहना भी बेमानी होगा. तुषार और श्रेयस फिल्म में मजेदार हरकतें करने की कोशिश करते हैं, उसमें जिसे आसानी से उनके करियर का सबसे बुरा लिखा रोल कह सकते हैं.एक ऐसी लडक़ी जिसके पास अपना दिमाग नहीं है का रोल मिनिषा ने मेहनत से करने की कोशिश की है. शबाना के बेदर्द पिता का रोल कर रहे सतीष कौशिक दुखी होने पर खुद को मारते हैं और खुश होने पर दूसरों को. क्यों? बोला ना, इस फिल्म से लॉजिक की उम्मीद मत रखिए. और हां, डॉन को जो लोग अच्छे लगते हैं वह उन्हें एक पुच्ची देता है और फिर कहता है, ‘तेरी पप्पी में फीलिंग नहीं है.’