कल होगा तेलंगाना का जन्म, पर मुंह बाए खड़ी हैं चुनौतियां!
इन तीनों लोगों से जब मैं पिछले महीने मिला था तो उस समय इनकी रिंग टोन अलग थीं. इन में से एक रंजन राव काफी ख़ुश थे. कहने लगे, "कल भारत का 29वां बच्चा जन्म लेगा."तेलंगाना कल औपचारिक रूप से भारत का 29वां राज्य बन जाएगा. अलग राज्य के लिए 1969 में शुरू किए गए आंदोलन का अंत जश्न और समारोहों के साथ होगा जिसकी तैयारियां जारी हैं.सोमवार को ही हाल के विधानसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) पार्टी के मंत्री शपथ ग्रहण करेंगे. मुख्यमंत्री पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता के चंद्रशेखर राव बनेंगे, लेकिन अभी इसकी पुष्टि औपचारिक रूप से नहीं की गई है.
इसी के साथ नई सरकार की चुनौतियां शुरू हो जाएंगी. तेलंगाना वालों ने अलग राज्य की मांग के लिए आंदोलन में आगे रहने वाले चंद्रशेखर राव को जिताया. विधानसभा में 119 सीटें हैं जिनमें से 63 टीआरएस को मिली.
आंध्र प्रदेश में तेलुगूदेशम पार्टी (तेदेपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है और अब ऐसा लगता है कि आठ जून को इस राज्य की नई सरकार की शपथ के दौरान मुख्यमंत्री पद की शपथ चंद्रबाबू नायडू ही लेंगे.चंद्रशेखर राव के लिए नायडू के साथ अच्छे सम्बन्ध रखना ज़रूरी होगा. शहरों और गांवों की सीमा रेखा को लेकर विवाद हल करने में राव को यह समझना पड़ेगा कि नायडू भाजपा के भागीदार होने के नाते केंद्र में मोदी सरकार के करीब होंगे. उनकी सुनवाई केंद्र में अधिक होगी.अभी से ही नायडू ने ये कहना शुरू कर दिया है कि कुछ ज़िलों के गाँव तेलंगाना को नहीं मिलने चाहिए थे.
चंद्रशेखर राव ने अब तक सोचे समझे और सुलझे बयान दिए हैं लेकिन तेलंगाना को लेकर अपेक्षाएं बहुत बढ़ी हैं और वह कहते हैं आंध्र प्रदेश को कोई छूट देने की ज़रूरत नहीं. राव को हर क़दम फूंक-फूंक कर रखना होगा.