ऋतिक की फिल्म 'सुपर 30' और पर्सनल लाइफ पर उठ रहे सवाल, एक्टर ने दिया मुंहतोड़ जवाब
feature@inext.co.inKANPUR: बॉलीवुड के सुपर स्टार ऋतिक रोशन की फिल्म सुपर 30 हाल ही में रिलीज हुई है। फिल्म को व्यूअर्स से मिले-जुले रिएक्शंस मिल रहे हैं, जहां सेलेब्स और व्यूअर्स की ओर से ऋतिक को काफी तारीफ मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने फिल्म में ऋतिक के डार्क स्किन टोन को लेकर सवाल भी उठाए हैं। अब इन सभी सवालों का ऋतिक ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने इन सभी आलोचनाओं को रेसिज्म करार दिया है।सवाल पूछने को बताया रेसिज्म
हाल ही में जब एक इंटरव्यू में एक्टर से फिल्म में उनके डार्क स्किन टोन पर उठ रहे सवालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, कैसे इसका कोई सेंस नहीं है। अग्निपथ, धूम 2 और दूसरी अन्य फिल्मों मेरा शेड और डार्क था। एक शख्स जो 45 डिग्री टेम्प्रेचर में पापड़ बेचता है उसका स्किन टोन डार्क ही होगा। वो शख्स कैसे गोरा हो सकता है? जो लोग रंग को लेकर बात कर रहे हैं वो सब रेसिज्म का हिस्सा है।ऋतिक ने क्रिटिक्स से ही पूछ लिया सवाल
इसके बाद उन्होंने सुपर 30 में अपने डार्क स्किन टोन पर सवाल उठाने वालों का मुंह बंद करते हुए खुद ही उनसे सवाल पूछा। उन्होंने क्रिटिक्स से सवाल पूछते हुए कहा, क्या कोई फेयर स्किन वाला एक्टर ऐसे रोल नहीं कर सकता या ऐसे रोल करने का और उन्हें चूज करने का उसे या मुझे कोई अधिकार नहीं है ? एक शख्स फिल्म में जो 45 डिग्री टेम्प्रेचर में पापड़ बेचता है, उसका स्किन टोन डार्क ही होगा। वो शख्स कैसे गोरा हो सकता है? जो लोग रंग को लेकर बात कर रहे हैं वो सब रेसिज्म का हिस्सा हैं।पर्सनल सवालों का दिया जवाबऋतिक ने अपनी बहन सुनैना के बारे में बात करते हुए कहा, मेरे पास बोलने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं बोलना नहीं चाहता, क्योंकि अगर मैं ऐसा करूंगा तो ये लोग इस पर बहस करने लगेंगे।Super 30 Movie Review: Hrithik Roshan अपने मस्कुलर कंधों पर पूरी फिल्म कैरी करते हैंऋतिक-टाइगर से पंगा लेंगे आशुतोष, 'फाइटर्स' में साथ आएंगे नजरसही प्लेटफॉर्म नहीं है
उन्होंने आगे कहा कि ये उस बारे में बात करने के लिए सही प्लेटफॉर्म नहीं है। यह बहुत छोटी बात है और ये एक ऐसी चीज है, जिसे मैं प्रमोशन्स के साथ मिक्स नहीं करना चाहता। यह एक ऐसी चीज है, जो मेरे लिए बहुत मायने रखती है और मैं इस बारे में एक ऐसे माहौल में बात करना चाहता हूं जहां थोड़े ज्यादा होशपूर्ण तरीके से बात सुनने वाले, थोड़े ज्यादा बुद्धिजीवी लोग हों।