जब भी आपके मन में नकारात्मक विचार आएं तो मंत्र का जाप करना शुरू कर दें। आप कोई भी मंत्र चुन सकते हैं जो आपको पढ़ना अच्छा लगता हो।

मैं एक म्यूजीशियन हूं। पिछले 2-3 सालों से मैं अपने क्षेत्र में अच्छा कर रहा था। मेरी आमदनी भी अच्छी थी। मेरे पास काफी काम भी था और मैं सकारात्मक सोचता था। लेकिन अब मैं हर समय नकारात्मक ही सोचता हूं और डिप्रेशन में रहता हूं। मैं कैसे खुद की मन:स्थिति को बेहतर कर सकता हूं? -राहुल सेठ

यह बेहद अफसोसजनक है कि कई मामलों में हमारा अहं ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु बन जाता है। जब हम कोई नई शुरुआत करते हैं, तो हमारे भीतर मौजूद एक ताकत हमें रोकने का प्रयास करती है और हमें यह यकीन दिलाने की कोशिश करती है कि हम कमजोर हैं और आगे नहीं बढ़ सकते। हमारे जेहन में तरह-तरह की नकारात्मक बातें आने लगती हैं। ऐसे में हमें समय-समय पर अपने अहं को बढ़ाने वाले कारकों पर ध्यान देते हुए उन्हें दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

जब भी आपके मन में नकारात्मक विचार आएं, तो मंत्र का जाप करना शुरू कर दें। आप कोई भी मंत्र चुन सकते हैं, जो आपको पढ़ना अच्छा लगता हो। मंत्र का जाप करने से हमें अपने भीतर छिपी आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव होता है और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा मिलती है।

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Posted By: Kartikeya Tiwari