UPSC परीक्षा विवाद पर राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का आश्वासन, कहा- नहीं होगा अन्याय
इस मामले पर राज्यसभा में बयान देते हुए पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एडमिट कार्ड जारी से छात्रों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ अन्याय नहीं होगा और इस मामले पर सरकार ने एक हफ्ते में कमेटी से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इस दौरान जितेंद्र सिंह के बयान पर राज्यसभा में हंगामा भी हुआ।
उधर, संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर बल का प्रयोग किया। इस दौरान हिरासत में लिए गए छात्र की दिल्ली पुलिस के आलाधिकारी ने बस में जमकर पिटाई भी की। दूसरी ओर इस मसले पर आज संसद के दोनों सदनों में भी जमकर हंगामा हुआ। हंगामें के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। प्रदर्शन को देखते हुए संसद भवन के पास के दो मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन स्टेशन को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्रों ने पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर अपनी परेशानियों से उन्हें अवगत कराया। छात्रों से मुलाकात के बाद यूपीएससी विवाद को लेकर जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर इस मामले पर चर्चा की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
यूपीएससी की ओर से एडमिट कार्ड जारी किए जाने के कारण सिविल सेवा परीक्षा की सी-सैट प्रणाली में बदलाव के आसार धूमिल नजर आने लगे हैं। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की है कि उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के लिए 24 अगस्त तक ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा 24 अगस्त को ही तय है।
ज्ञात हो कि सी-सैट में बदलाव की छात्रों की मांग पर पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा था कि सरकार दो-तीन दिन के अंदर इस मुद्दे पर फैसला करेगी। उन्होंने यूपीएससी से 24 अगस्त को होने वाली परीक्षा टालने को भी कहा था। इसके अलावा में सी-सैट से भारतीय भाषाओं के छात्रों से होने वाली परेशानियों पर विचार के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी थी। सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में 200-200 अंकों के दो प्रश्नपत्र होते हैं। इनमें पहले को सी-सैट-1 और दूसरे को सी-सैट-2 कहा जाता है। ¨हदी और अन्य भारतीय भाषाओं के छात्रों को सी-सैट-2 से शिकायत है। उनके मुताबिक सी-सैट-2 अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए खास तौर पर मददगार है। इसमें बदलाव की मांग को लेकर वे धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं।Source: Dainik Jagran