होली 2019: होलिका दहन के समय इन उपायों से ग्रह दोष से मिलेगी मुक्ति, राख का भी है महत्व
ऐसा माना जाता है कि होली की बची हुई अग्नि तथा राख को अगले दिन प्रातः घर में लाने से घर को अशुभ शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है। इस राख को शरीर पर लेपन करना भी कल्याणकारी रहता है।
ग्रह पीड़ा से मुक्ति किसी ग्रह की पीड़ा होने पर होलिका दहन के समय व्यक्ति को देशी घी में भिगो कर दो लौंग के जोड़े और एक बताशा को एक पान के पत्ते पर रखकर अर्पित करना चाहिए। अगले दिन होली की राख लाकर अपने शरीर पर तेल की तरह लगाकर एक घंटे बाद हल्के गर्म पानी से स्नान करना चाहिए। ग्रह पीड़ा से मुक्ति का अनुभव होगा।होली पर ऐसे करें नवग्रह शान्तिहोलिका दहन से पूर्व नवग्रह की लकड़ि़यां एकत्रित करके होली की परिक्रमा करते हुए क्रमानुसार उन्हें होलिका में डाल देना चाहिए। परिक्रमा करते समय सम्बन्धित ग्रह का मंत्र जाप भी करते रहना चाहिए। इस प्रकार सभी ग्रहों की लकड़ियों को होलिका में डाल देना चाहिए।
सूर्य ग्रह की शान्ति के लिएइसके लिए प्रथम परिक्रमा करते हुए मदार की लकड़ी लेकर सूर्य के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। हां हीं हौं सः सूर्यांय नमः।चन्द्र ग्रह की शान्ति के लिएद्वितीय परिक्रमा करते हुए पलाश की लकड़ी लेकर चन्द्र मंत्र का जाप करना चाहिए। श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः।
मंगल ग्रह की शान्ति के लिएतृतीय परिक्रमा करते हुए खैर की लकड़ी लेकर मंगल मंत्र का जाप करना चाहिए। क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।बुध ग्रह की शान्ति के लिए चतुर्थ परिक्रमा करते हुए अपामार्ग की लकड़ी लेकर बुध के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।गुरू ग्रह की शान्ति के लिएपंचम परिक्रमा करते हुए पीपल की लकड़ी लेकर गुरू का निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।शुक्र ग्रह की शान्ति के लिए षष्ठ परिक्रमा करते हुए गूलर की लकड़ी लेकर शुक्र के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।शनि ग्रह की शान्ति के लिएसप्तम परिक्रमा करते हुए शमी की लकड़ी लेकर शनि मंत्र का निम्न जाप करना चाहिए। प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।राहु ग्रह की शान्ति के लिएअष्टम परिक्रमा करते हुए दूर्वा की लकड़ी लेकर राहु के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।केतु ग्रह की शान्ति के लिएनवम परिक्रमा करते हुए कुशा की लकड़ी लेकर केतु के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केवते नमः।
— ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्माहोली 2019: भद्रा के समय न करें होलिका दहन, जानें मुहूर्त, पूजा सामग्री और पूजन विधिहोली से पहले होलिका दहन क्यों है महत्वपूर्ण