हिमांशु ने सीबीएसई 12वीं में गोरखपुर में टाॅप किया। इसी के साथ उन्होंने जेईई मेन में भी टाॅप किया है। जानें उनकी सफलता का राज...


GORAKHPUR: हर बार की तरह इस बार भी सीबीएसई 12वीं में गोरखपुर के होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है. बोर्ड की तरफ से गुरुवार को 12वीं का रिजल्ट जारी होते ही सफलता हासिल करने वाले स्टूडेंट्स के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट व जेईई मेंस के यूपी टॉपर हिमांशु गौरव सिंह ने 99.00 परसेंट हासिल कर गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट में पहला स्थान प्राप्त किया है. वहीं आर्मी पब्लिक स्कूल के शिवम शुक्ला व एकेडमिक हाइट्स के शिवांशु प्रकाश मल्ल ने 97 परसेंट प्राप्त कर डिस्ट्रिक्ट में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. इसी तरह आर्मी पब्लिक स्कूल के कल्याण देव व एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल की संध्या वर्मा 96.4 परसेंट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रही हैं.अचानक आया रिजल्ट तो मचा हड़कंप


बता दें, सीबीएसई बोर्ड की तरफ से 12वीं रिजल्ट की डेट पहले से डिक्लेयर नहीं की गई थी. ऐसे में गुरुवार को अचानक सीबीएसई स्कूलों के व्हाट्सअप गु्रप पर 12वीं रिजल्ट डिक्लेयर करने की सूचना आते ही ही हड़कंप मच गया. सभी ने अपने-अपने स्कूल आईडी खोलकर रिजल्ट देखना शुरू किया तो दोपहर 12.30 बजे रिजल्ट डिक्लेयर की सूचना पक्की निकली. सीबीएसई को-ऑर्डिनेटर अजीत दीक्षित ने बताया कि सीबीएसई की तरफ से रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया है. देशभर में जहां कुल 28 लाख स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुए थे. वहीं गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट में 10वीं व 12वीं मिलाकर 20 हजार से ऊपर कैंडिडेट्स परीक्षा शामिल हुए थे. इनमें से केवल 12वीं क्लास में आठ हजार स्टूडेंट्स थे जिन्होंने गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट के 18 एग्जामिनेशन सेंटर्स पर एग्जाम दिया था.आज भी नहीं है सोशल मीडिया पर एकाउंट, बनना है इंजीनियरयूं ही नहीं कोई टॉपर बन जाता है उसके लिए कड़ी मेहनत, समय का सही सदुपयोग, सही निर्णय लेने की क्षमता व साथ ही अभिभावकों का सपोर्ट बहुत जरूरी है. यह बातें जिला टॉप करने वाले हिमांशु गौरव सिंह ने कही.इस वजह से किया टाॅप

उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी होनी चाहिए जो शिक्षा पर विशेष ध्यान दे. साथ ही शिक्षा क्षेत्र से 'इनोवेशन' को विशेष महत्व दे. इनोवेशन के मुद्दे पर कोई भी सरकार काम नहीं कर रही है. हिमांशु का लक्ष्य इंजीनियर बनना है. पढ़ाई के दौरान फैमिली का पूरा सपोर्ट मिलता रहा है. हिमांशु रोजाना मोबाइल पर आधे घंटे ही समय देता था. आधे घंटे एजुकेशन से संबंधित मुद्दों के लिए ही समय देता हूं. साथ ही सोशल मीडिया से कोई वास्ता नहीं है. पढ़ाई के दौरान घर पर माता-पिता का पूरा सहयोग मिलता है. होमवर्क और घर की पढ़ाई के बीच बेहतर तरीके से सामंजस्य बनाते हुए जो ज्यादा जरूरी होता है उसे पहले प्राथमिकता दी जाती है. हिमांशु ने बताया कि टॉप करने के पांच महत्वपूर्ण सूत्र टाइम मैनेजमेंट, धैर्य, राइट डिसीजन मेकिंग, हार्ड वर्क व पैरेंटल सपोर्ट है.गंदगी से मिले मुक्तिशहर के तीन प्रमुख मुद्दों पर कहा कि शहर का सबसे बड़ा मुद्दा गंदगी है. यहां पढ़ाई का माहौल कम और पढ़ाई के संसाधन की कमी के चलते लोगों को आगे बढ़ने का बेहतर अवसर नहीं मिल पाता है. बेहतर मुकाम पर पहुंचने पर लोगों की सहायता, नेटवर्क का जाल बिछा कर व लोगों को जागरूक कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इसके अलावा एजुकेशन में संसाधन उपलब्ध कराकर बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की कोशिश रहेगी. हिमांशु का टीवी से कोई वास्ता नहीं था. स्वामी विवेकानंद आदर्श हैं.

Posted By: Syed Saim Rauf