पाकिस्तान में तालिबान के नेता हकीमुल्लाह महसूद की शुक्रवार को ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद उपजे तनाव के बीच सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.


शनिवार को होने वाले हकीमुल्लाह के अंतिम संस्कार के बारे में बहुत कम जानकारी है.पाकिस्तान में नए तालिबान नेता की घोषणा का बेक़रारी से इंतज़ार हो रहा है. स्थानीय मीडिया के अनुसार तालिबान कमांडर खान सैद सजना के नए नेता चुने जाने की संभावना है.पाकिस्तानी अधिकारियों को लगता है कि हकीमुल्लाह की मौत से तालिबान के साथ प्रस्तावित शांति वार्ता पर गंभीर असर पड़ेगा.एक वरिष्ठ तालिबानी अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि उत्तरी वज़ीरिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी इलाके में हकीमुल्लाह के साथ चार अन्य लोगों की मौत तब हो गई थी जब चार मिसाइलें उनके वाहन को लगीं.पाकिस्तानी और अमरीकी सरकारों ने न तो इन ख़बरों की पुष्टि की है और न ही खंडन.क़ारी या सजना


न तो अमरीकी राष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता, कैटलिन हेडन और न ही अमरीकी सरकार के किसी और व्यक्ति ने हकीमुल्लाह की  मौत की पुष्टि की लेकिन कहा कि अगर यह सच है तो इससे  तालिबान को भारी नुकसान होगा.इससे पहले हकीमुल्लाह की मौत को लेकर अमरीकी और पाकिस्तानी गुप्तचर सूत्रों के दावे ग़लत साबित हुए हैं.

पाकिस्तानी सरकार ने कहा है कि वह ड्रोन हमले की कड़ी निंदा करती है क्योंकि यह पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला है. हालांकि उसने महसूद की मौत पर कोई टिप्पणी नहीं की.यह हमला उस समय हुआ है जब पाकिस्तानी सरकार ने ऐलान किया था कि वह तालिबान से शांति वार्ता पर चर्चा करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को उत्तरी वज़ीरिस्तान भेजेगी.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ हज़ारों लोगों की मौत के लिए ज़िम्मेदार हिंसा पर रोक लगाने के लिए तालिबान से बातचीत के हिमायती हैं.हमारे संवाददाता के अनुसार प्रभावशाली पंजाबी तालिबान की भी भूमिका हो सकती है. हालांकि उनका हकीमुल्लाह के नेतृत्व वाले टीटीपी पर असर नहीं है.पंजाबी तालिबान की अच्छी तरह प्रशिक्षित और सिद्धांतों से प्रेरित लड़ाकों की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका है.हकीमुल्लाह की मौत चरमपंथी समूहों के लिए एक और धक्का माना जा रहा है. हाल ही में उनके एक वरिष्ठ कमांडर को अफ़गानिस्तान में अमरीकी सेना ने पकड़ लिया था.उत्तरी वज़ीरिस्तान से विद्रोह को नियंत्रित करने वाले हकीमुल्लाह पर  एफ़बीआई ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा था.हकीमुल्लाह टीटीपी के संस्थापक बैतुल्ला महसूद के कमांडर के रूप में 2007 में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने 300 पाकिस्तानी सैनिकों को पकड़ लिया था.उनके बाद नंबर दो के नेता, वलीउर रहमान, मई में एक ड्रोन हमले में मारे गए थे.आघात

बीबीसी के कूटनीतिक संवाददाता, जेम्स रॉबिन्स, कहते हैं कि चाहे इस आघात से तालिबान कितना ही कमज़ोर हो गया हो लेकिन वह एक नए नेता के अधीन लड़ना जारी रखेंगे.दो हफ़्ते पहले बीबीसी को दिए एक दुर्लभ इंटरव्यू में हकीमुल्लाह ने कहा था कि वह सरकार के साथ "गंभीर वार्ता" के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें अब तक संपर्क नहीं किया गया है.हकीमुल्लाह ने सार्वजनिक स्थानों पर हाल ही में हुए हमलों में हाथ होने से इनकार करते हुए कहा कि उसका निशाना "अमरीका और उसके दोस्त हैं."उनकी पाकिस्तान के कबाइली इलाकों के 30 से ज़्यादा चरमपंथी संगठनों पर कमज़ोर पकड़ थी.

 

Posted By: Subhesh Sharma