अंटार्कटिका बर्फ के नीचे दफ्न हैं पहाड़
साउथ पोल के इलाकों को कवर नहीं कर पाता सैटलाइट
लंदन (पीटीआई)। एक रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका बर्फ में पर्वतों की श्रृंखला और तीन गहरी घाटियां देखी हैं। बता दें कि नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी के कुछ वैज्ञानिकों ने पोलरगैप प्रोजेक्ट के तहत यह खोज की हैं। बता दें कि इससे पहले सैटलाइट डेटा के माध्यम से धरती की गहराइयों के बारे में आसानी से पता लगा लिया जाता था, लेकिन किसी खास कारणों से साउथ पोल के इलाकों का पता नहीं चल पता था। इसलिए वैज्ञानिकों ने पोलरगैप प्रोजेक्ट की शुरुआत की, ताकि साउथ पोल के इलाकों और लापता गुरुत्वाकर्षण डेटा के बारे में पता लगाया जा सके।
350 किलोमीटर लंबी और 35 किलोमीटर चौड़ी घाटी
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये घाटियां भविष्य में महत्वपूर्ण और मददगार साबित हो सकती हैं। यदि मौसम में परिवर्तन के चलते बर्फ की शीट पतली होती है, तो ये पहाड़ियां वैश्विक समुद्र स्तर को बढ़ाने वाली उस गति को तेज कर सकती है, जिस पर बर्फ अंटार्कटिका के सेंटर से समुद्र तक बहता है। बता दें कि अंटार्कटिका के बर्फ में मिले तीन घाटियों में से फाउंडेशन ट्राउ नाम की घाटी सबसे बड़ी है। वो 350 किलोमीटर से अधिक लंबी और 35 किलोमीटर चौड़ी है। इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि इसकी लंबाई लंदन से मैनचेस्टर की दूरी के बराबर है, जबकि इसकी चौड़ाई न्यू यॉर्क के मैनहट्टन द्वीप की लंबाई से ढाई गुना अधिक है।
बाकी दोनों घाटियों की लंबाई
इसके अलावा दो अन्य घाटियां भी समान रूप से विशाल हैं। पेटक्सेंट ट्राउ 300 किलोमीटर से अधिक लंबा और 15 किलोमीटर चौड़ा है, जबकि ऑफ़सेट रिफ्ट बेसिन 150 किलोमीटर लंबी और 30 किलोमीटर चौड़ी है। नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च फेलो केट विंटर ने कहा, 'चूंकि सैटलाइट डेटा में साउथ पोल की जानकारी न होने के चलते कोई भी वास्तव में नहीं जानता था कि वहां क्या है, इसलिए हम पोलारगैप प्रोजेक्ट से पहाड़ियों और घाटियों के बारे में पता लगाने में कामयाब रहे, हम इसके लिए बहुत खुश है'। उन्होंने कहा, 'अब हम समझते हैं कि ये पहाड़ी क्षेत्र पश्चिम अंटार्कटिका से तट पर बहने वाले पूर्वी अंटार्कटिका के बर्फ को रोक रहा है। इसके अलावा हमने पश्चिम अंटार्कटिका में तीन गहरी घाटियों की भी खोज की है जो भविष्य में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।'