मूवी रिव्यू: काजोल ने की परफेक्ट लैंडिंग, पर टेक ऑफ ही नहीं कर पाई 'हेलीकॉप्टर ईला'
कहानी :
थोड़ी सी इंग्लिश विंग्लिश थोड़ी सी निल बटे सन्नाटा
अच्छी इंटेंशन और खराब एक्जीक्यूशन का अगर कोई बड़ा एग्जाम्पल है तो वो है ये फिल्म। फिल्म कोई रिस्क लिए बिना माँ और बेटे के बीच के रिश्ते को बेस बना के सेफ चलने की कोशीश करती है। काजोल की वाइब्रेंट पर्सनालिटी के इर्द गिर्द इस सिंगल मॉम की कहानी को काफी इंटरेस्टिंग बनाया जा सकता था पर प्लाट बेहद मोनोटोनस है। बीच बीच मे कुछ अजीब घटनाएं होती हैं जो आपको फिल्म से भटका सा देती हैं। फिल्म की एडिट भी अजीब है, कुछ सीन आराम से काटे जा सकते हैं और फिल्म को कसा जा सकता है।
अदाकारी :
टेक्निकली काजोल कुछ नया नहीं कर रहीं उनका करैक्टर उनके कुछ कुछ होता है और कभी खुशी कभी गम के कैरेक्टर्स का मैशअप जैसा है। हर सीन में उनके पास पंच लाइन भी हैं, पर न तो ये किरदार इंग्लिश विंग्लिश की शशि जितना इंस्पायर करता है और न ही निल बटे सन्नाटा की स्वरा जितना इमोशनल करता है। ये किरदार ही लाउड लिखा हुआ है जिसको काजोल ने वैसे ही निभाया है। काजोल के बेटे का रोल कर रहे रिद्धि सेन का काम बहुत अच्छा है। तोता रॉय चौधरी और नेहा धूपिया का काम ठीक ठाक है।
Twitter : @yohaannn