बंद कमरे में जल रही अंगीठी या gas heater ठंड से आपको बचाए या न बचाए पर एक धीमी मौत को invite जरूर कर रहे हैं. दरअसल बंद कमरे में जल रही अंगीठी से Carbon monoxide गैस बनती है जो जानलेवा हो सकती है...

ठंड की वजह से लोग बंद कमरों में रहना पसंद करते हैं जिससे  क्रॉस  वेंटिलेशन नहीं होता. ऐसे में ऑक्सीजन की कमी में कोयले या किसी कार्बन फ्यूल के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड बनती है. हमारी बॉडी को कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन CO की हीमोग्लोबीन से बाइंडिंग एफिनिटी ऑक्सीजन से 200 गुना ज्यादा होती है. बॉडी में जब कार्बन मोनोऑक्साइड  एंटर करती है, तो कार्बन ऑक्सीजन को रिप्लेस कर हीमोग्लोबीन से कंबाइन करने लगता है. इसकी वजह से हमारी बॉडी में कई टिश्यूस को ऑक्सीजन नहीं मिलती और वो टिश्यूस डेड हो जाते हैं.

CO+Haemoglobin = Danger
सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आना, कंफ्यूजन, इरिटेट होना, ष्टह्र प्वॉइजनिंग के इनीशियल सिंपटम्स हैं. जैसे-जैसे बॉडी में ष्टह्र केलेवेल्स बढ़ते हैं, वॉमेटिंग, बेहोश हो जाना, यहां तक कि हार्ट डैमेज और बे्रन डेथ भी हो सकती है. डॉ. आरती लालचंदानी कहती हैं, ‘ष्टह्र सबसे ज्यादा लंग्स और ब्रेन को नुकसान पहुंचाती है’. वुमेन में यूरिनरी इंकंटिनेंस यानी बार-बार बाथरूम जाना ष्टह्र प्वॉइजनिंग का इफेक्ट है.
Problems in long term
लांग टर्म में कार्बन मोनोऑक्साइड बे्रन डैमेज, हार्ट प्रॉब्लम्स, ऑर्गन डिसफंक्शन, मेमरी लॉस, बिहेवियरल और पर्सनालिटी चेंजेस और ऐसी कई पर्मानेंट प्रॉब्लम्स की वजह बन सकती है.
Be alert

रूम के रोशनदान को रेग्युलर्ली चेक करें और उन्हें साफ करते रहें. घर में कार्बन मोनोऑक्साइड अलार्म फिट करें.ये सुनिश्चित करें कि रूम में ऑक्सीजन की कमी न हो. इसके लिए पर्याप्त इंतजाम करें.रूम में ब्लोअर या हीटर जलाते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें कि रूम की खिड़कियां और दरवाजे सब बंद न हों.फ्यूल से चलने वाले स्टोव को रूम के अंदर यूज न करें, क्योंकि अगर रूम में धुआं भर गया तो दम घुट सकता है.रूम के अंदर अंगीठी या तापने के लिए आग जलाएं तो एक बाल्टी पानी जरूर रखें. इससे रूम में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.कोशिश करें कि ठंड से बचने के लिए वूलेन कपड़े पहनें.गैस पावर्ड किसी भी इक्विपमेंट को बंद रूम में यूज करते टाइम कॉन्शस रहें.कमरों में एक्जॉस्ट फैन जरूर लगाएं. रूम अगर बहुत ज्यादा देर बंद है तो थोड़ी देर खुला रखें फिर अंदर जाएं.


हर कमरे में कम से कम 6 स्क्वेयर इंच का वेंटिलेशन जरूर होना चाहिए और अंगीठी जलाने वक्त कमरे की एक खिडक़ी जरूर खोल दें.
डॉ. आरती लालचंदानी
फिजीशियन                                                                                                               
                                                                                                                    
Entry points

इन जगहों से कार्बन मोनोऑक्साइड घर में एंटर करती है-

कॉमन होम अप्लाइंसेस जैसे गैस या ऑयल फर्नेस, गैस रेफ्रिजरेटर्स, गैस क्लॉथ ड्रायर, गैस वॉटर हीटर या स्पेस हीटरबंद गैराज में कार का इंजिन चलाने से पेंट रिमूवर और क्लीनिंग फ्लूइड्स में प्रेजेंट मिथलाइन क्लोराइड यानी डाईक्लोरोमीथेन बॉडी में जाकर कार्बन मोनोऑक्साइड बन जाती है.स्मोकिंग से ब्लड में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल बढ़ जाता है. Posted By: Surabhi Yadav