गुजरात: जहां दारू बन गई है दवा
इसलिए राज्य सरकार के प्रोहिबिशन एंड एक्साइज़ विभाग ने उन्हें शराब पीने के लिए हेल्थ परमिट दिया है।गुजरात में 1960 से शराबबंदी है। फिर भी वहां 60 हजार से ज़्यादा ऐसे लोग हैं जिनके पास शराब ख़रीदने और उसे पीने का परमिट है।गुजरात महात्मा गांधी की जन्मभूमि है। इसीलिए वहां किसी भी सत्ताधारी पार्टी ने कभी शराबबंदी हटाने की हिम्मत नहीं दिखाई है।लेकिन शारीरिक या मानसिक बीमारी के आधार पर शराब पीने की इजाज़त राज्य में ज़रूर मिल जाती है।
अहमदाबाद में प्रोहिबिशन विभाग के अधीक्षक एनसी सादरानी ने बीबीसी को बताया कि अगर हेल्थ परमिट मांगने वाला आवेदक गुजरात या भारत सरकार में अपनी सेवाएं दे रहा है, तो उसे अपने विभाग के प्रमुख की तरफ से एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाणपत्र भी लाना होगा।जिन लोगों के पास हेल्थ परमिट है, वे लोग राज्य सरकार की प्रमाणित लिकर शॉप से परमिट से शराब ख़रीद सकते हैं।पूरे गुजरात में 61,353 और अहमदाबाद में 12,803 लोगों के पास ये हेल्थ परमिट है, जिससे वो शराब ख़रीद सकते हैं।