बेगुनाह होकर भी सलाखों के पीछे बीते 14 साल
11वीं का छात्र था वह
वह तब 11वीं का छात्र था और उस पर रोहतक के किला रोड, सब्जी मंडी समेत देश के कई हिस्सों में बम विस्फोट करने के 19 मुकदमे चलाए गए. रोहतक समेत 17 केसों में सबूत न मिलने के कारण उसे बरी कर दिया गया, लेकिन दो केस अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं. उसे इनमें भी बरी होने की उम्मीद है.
कुछ ऐसी थी उसकी आपबीती
रविवार को सप्तरंग संस्था की ओर से शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे दिल्ली सदर निवासी मोहम्मद आमिर खान ने अपनी आपबीती सुनाई. आमिर ने बताया कि सादी वर्दी में आए पुलिसवालों ने 20 फरवरी 1998 को उसे गिरफ्तार कर लिया. तब वह 11वीं कक्षा का छात्र था. उसे दिल्ली, रोहतक, गाजियाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में पकड़ा गया था, जबकि इनसे उसका कोई लेना-देना नहीं था. बम धमाके होने के बाद वह अपनी बहन से मिलने पाकिस्तान गया था. इसी को आधार बनाकर उस पर केस बनाए गए थे.
'बेटा सुनने को तरस गए कान'
आमिर ने बताया कि उसके पिता का छोटा-मोटा व्यापार ठप हो गया, माता-पिता कर्ज में डूबते गए. इस दौरान अब्बा गुजर गए और मां को लकवा मार गया. मां अब बोल भी नहीं सकतीं और उसके कान अब 'बेटा' शब्द सुनने को तरस गए हैं.