ब्रह्मांड के रहस्‍यों को खोलने वाले वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग को वेस्‍टमिंस्‍टर एब्‍बे में सर आइजेक न्‍यूटन और चार्ल्‍स डार्विन के बगल दफनाया जाएगा। एब्‍बे ने अपने एक वक्‍तव्‍य में मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। हॉकिंग की 14 मार्च को 76 वर्ष की उम्र में मृत्‍यु हो गई थी।


उनका काम विज्ञान और अध्यात्मक का मेललंदन (आईएएनएस)। हॉल ने अपने बयान में कहा कि हम इस बात पर विश्वास करते हैं कि जीवन के गूढ़ तत्वों और ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में विज्ञान और अध्यात्मक को मिलकर काम करना चाहिए। वेस्टमिंस्टर के डीन डॉ. जॉन हॉल ने कहा कि ब्रिटिश वैज्ञानिक को यही एक उचित श्रद्धांजलि होगी।आइजेक न्यूटन और डार्विन भी यही हैं दफनआइजेक न्यूटन की मृत्यु के बाद उनको यहां 1727 में दफनाया गया था। उनके करीब डेढ सौ साल बाद 1882 में चार्ल्स डार्विन को भी यहीं बगल में दफनाया गया। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, एब्बे ने घोषणा की है कि साल के अंत में हॉकिंग के सम्मान में सर्विस ऑफ थैंक्स गिविंग का आयोजन किया जाएगा।स्टीफन हॉकिंग का काम वैज्ञानिकों ने सराहा
ब्रह्मांड के रहस्यों को खोल कर हॉकिंग ने सराहनीय काम किया है। दुर्लभ बीमारी होने के बावजूद उन्होंने भौतिक विज्ञान के लिए बेहतरीन काम किए। विज्ञान में दिए गए उनके योगदान को स्टीफन के समकालीन वैज्ञानिकों ने न सिर्फ सहारा बल्कि उसे मान्यता भी दी। नि:संदेह वे एक महान वैज्ञानिक थे।गैलिलियो की मौत के 300 साल बाद जन्मे


स्टीफन हॉकिंग का जन्म 1942 में ऑक्सफोर्ड में हुआ था। वे खगोलविद व भौतिकशास्त्री गैलिलियो गैलिली की 300वीं पुण्य तिथि पर पैदा हुए थे। अपने मित्र भौतिक विज्ञानी रोजर पेनरोज के साथ मिलकर उन्होंने आइंस्टीन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत को बिग बैंक सिद्धांत के साथ जोड़ा था। उनका मत था कि बिग बैंक के साथ अंतरिक्ष और समय उत्पन्न हुआ और ब्लैक होल में खत्म हो जाएगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh