यकीन मानिए, शीशे और नक्काशी से नहीं, हजारों कंकालों से सजा है ये चर्च
यहां है ये चर्च
जानकारों की मानें तो ये चर्च चेक गणराज्य में बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी खासियत बताई गई है कि ये गिरिजाघर पूरी तरह से हड्डियों से बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार ये भी बताया गया है कि इसी वजह से इसको Ossuary के नाम से जाना जाता है। इस चर्च के बारे में बताया गया है कि पहले यहां मृत शरीर को अस्थाई रूप से दफनाया जाता है। कुछ समय बाद जब शवों की हड्डियां बाकी रह जाती हैं, तो उनको निकालकर उन्हें चर्च में सजा दिया जाता है।
इतने कंकालों को सजाया जा चुका है
अब तक यहां करीब 40,000 लोगों के कंकालों को सजाया जा चुका है। इस प्रथा के शुरू होने के पीछे कहानी बताई गई है कि 13वीं शताब्दी में इस जगह पर हेनरी नाम के एक संत हुआ करते थे। इनको Palestina भेज दिया गया था। इस पवित्र जगह से जब वह वापस आए तो उस जगह से लाई गई मिट्टी को एक कब्रिस्तान के ऊपर डाल दिया गया था।
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ऐसी है मान्यता
उनके ऐसा करने के पीछे माना जाता है कि इस मिट्टी को वह वहां से लाए थे, जहां प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। यही वजह बताई गई है कि यहां लोगों को पवित्र जगह मानकर दफन किया जाता है। सिर्फ यही नहीं ये भी कहा जाता है कि 14वीं और 15वीं शताब्दी में एक युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। उन लोगों को Sedlec में दफनाया गया। ज्यादा लोगों को दफन करने की वजह से यहां जगह नहीं बच सकी।
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संत करते हैं ऐसा
इसके बाद ही Ossuary को बनाने का फैसला लिया गया। अब चर्च के संत यहां दफनाए गए लोगों की हड्डियों को निकालकर चर्च में सजा देते हैं। अब ये चर्च अपनी इसी खासियत की वजह से लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है। दूर-दूर से सैलानी इसे देखने के लिए यहां आते हैं।
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