सेक्रेड गेम की कामयाबी के बाद दवाब में नहीं है कुब्रा सैत
मुंबई (पीटीआई)। कुब्रा सैत का कहना है कि उनको "सेक्रेड गेम्स" के बाद व्यूअर्स की बढ़ी हुई अपेक्षाओं के बारे में पता है, लेकिन इससे उन्हें कोई दबाव महसूस नहीं होता क्योंकि वे खुद को चुनौती देना पसंद करती हैं।
खुद को देती हैं चुनौतीकुब्रा ने "रेडी" और सुल्तान जैसी फिल्मों के साथ अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था लेकिन उनको गलोबल एक्सेप्टेंस नेटफ्लिक्स सीरीज में कुक्कू का करेक्टर प्ले करने के बाद मिली। फिलहाल वे वूट सेलेक्ट के ड्रामा शो "इललीगल" में काम कर रही हैं, और इसका हिस्सा बन कर खुश हैं। वे कहती हैं कि अगर 'सेक्रेड गेम्स' नहीं मिलता तो 'इलीगल' शायद उनका पहला शो होता। हांलाकि वे मानती हैं कि ये बी एक बढ़िया शो है पर शायद इसे इतने लोग एकदम से देखने नहीं आते जो सेक्रेड गेम्स के चलते उनको देखने आये हैैं। व्यूअर्स जानना चाहते हैं कि वे अब क्या कर रही हैं और यह उनके लिए काफी एक्सााइटिंग है। वे खुश हैं कि उन्होंने अपने लिए एक बहुत ही हाई स्टैंडर्ड सेट किया है, पर साथ ही वे खुद को कुछ नया करने के लिए चुनौती भी देना पसंद करती हैं। वे कहती हैं कि वह "सेक्रेड गेम्स" में अपनी भूमिका को लेकर कोई "दबाव" नहीं लेती हैं और इसके बजाय खुश हैं कि निर्माता उनमें विश्वास दिखा रहे हैं।
लाइफ में आया बदलावकुब्रा का कहना है कि सेक्रेड गेम्स से पहले की लाइफ बहुत अलग थी और शो के बाद का जीवन भी उतना ही अलग है। वे इस नए जीवन का आनंद ले रही हैं। उनको इस बारे में शिकायत भी नहीं है, बल्कि वे खुश हैं कि निर्माताओं को उनमें बइतना विश्वास है जो सोचते हैं कि वे किसी भी भूमिका को निभा सकती हैं। कुब्रा ने "इललीगल" में एक सजायाफ्ता मास मर्डरर की भूमिका निभाई, इस शो में नेहा शर्मा और पीयूष मिश्रा भी हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके चरित्र के साथ मौजूदा राजनीति और ब्रोकन सिस्टम के चलते लोगों को अट्रैक्ट करेगा।यह एक रियल करेक्टर है जिसे कानून ने न्याय नहीं दिया गया है। वे उसे निभाना चाहती थीं क्योंकि ये सिर्फ न्याय पर आधारित नहीं बल्कि मानव अधिकारों पर भी चर्चा करता है।निभाना चाहती हैं डिफरेंट रोलकुब्रा का कहना है कि वह अपने तरीके से आने वाली भूमिकाओं का आनंद ले रही हैं और विभिन्न किरदारों को निभाने के मामले में पीछे नहीं रहना चाहती हैं। उन्होंने सेक्रेड गेम्स के बाद लंबे समय तक कोई रोल प्ले नहीं किया। वे मानती हैं कि अभिनय उनके लिए एक खेल का मैदान है और वह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि जितने गेम खेलूं, उतने ही अंक बना सकें। 'इललीगल' में वे एक मास मर्डरर की भूमिका निभा रही हैं। वहीं 'राज्य बनाम नानावती' में 60 के दशक का एक करेक्टर प्ले कर रही हैं। 'जवानी जानेमन' में वे बेस्ट फ्रेंड बनी हैं साथ ही 'डॉली किट्टी और वो चमके सितार' में भी एक बेहद अलग किस्म की भूमिका में नजर आयेंगी। उन्हें लगता है कि यह एक शानदार रेंज और यात्रा है, जिसमें कोई पछतावा नहीं है।