हरियाणा में महिलाओं का पुलिस स्टेशन
ये पुलिस स्टेशन राज्य के सभी ज़िलों की ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करेगा।गुड़गांव के सेक्टर 51 की इस दो मंज़िला इमारत को रंग रोगन के बाद नई शक्ल दी गई है।बिजली, पानी का इंतज़ाम, नई फ़ोन लाइन्स, नए पर्दे, कंप्यूटर्स, स्टेशनरी और कूलर्स लगाए जा रहे हैं।इस इमारत में अभी तक ट्रैफिक पुलिस का दफ्तर था।गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह वर्क ने बीबीसी को बताया, "महिलाओं की सभी शिकायतों को यहां दर्ज़ किया जा सकेगा।"कानूनी मदद भी
मार्च में विधानसभा सत्र में राज्य सरकार को महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों के लिए विपक्षी दलों की तीखी निंदा झेलनी पड़ी थी।रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस का बर्ताव भी महिलाओं में ज़्यादा विश्वास जगा नहीं पाया है।
अप्रेल में ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने बताया कि उन्हें पुलिस के उदासीन रुख की सैकड़ों शिकायतें मिलीं जहां पीड़ित महिलाएं अपनी शिकायत भी दर्ज़ नहीं करवा सकीं।महिला पुलिस की कमीभारतीय पुलिस में भी महिलाओं की बहुत कमी है। कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत की पुलिस में सिर्फ 6.11 फीसद महिलाएं हैं।पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह वर्क भी इससे सहमत थे, "गुड़गांव में सिर्फ 350 महिला पुलिसकर्मी हैं. हमें कम से कम 1000 चाहिए।"लेकिन उनका मानना है कि महिला पुलिस स्टेशन होने से लोगों की इस समझ में फर्क आएगा कि पुलिस महिलाओं को लेकर संवेदनशील नहीं है।इंस्पेक्टर बाला ने भी कहा, " बहुत सी महिलाएं पुलिस स्टेशन जाना ही नहीं चाहतीं।उन्हें हमसे अपनी समस्याओं के बारे में बात करना ज़्यादा अच्छा लगता है।वे हमसे बिना किसी अपराधबोध या शर्म के हमसे बात कर सकती हैं।"उनका कहना था कि बहुत सी महिलाएं चाहती थीं कि वे उनके केस की जांच करें. लेकिन वे सिर्फ वही केस ले सकती थीं जो उन्हें दिया जाता था।अब हालात अलग होंगे- उन्हें ऐसी उम्मीद है।