भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि अगर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने सीट बेल्ट पहना होता तो उनकी जान बच सकती थी. मुंडे का मंगलवार को एक कार हादसे में निधन हो चुका है.


मुंडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के बीड जाने से पहले हर्षवर्धन ने कहा, “मैंने अपना दोस्त एक ग़लत धारणा की वजह से गंवा दिया."उन्होंने कहा, "ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि पिछली सीट का बेल्ट सिर्फ़ दिखावे की चीज़ है. सच तो ये है कि उन्हें पहनना उतना ही ज़रूरी है जितना आगे की सीट का बेल्ट.”मंगलवार को जब मुंडे की कार को एक दूसरी कार ने टक्कर मारी तो उनकी कुछ ही मिनटों में मौत हो गई. कथित रूप से दूसरी कार के ड्राइवर ने लाल बत्ती का उल्लंघन किया था.अंदरूनी अंगों को नुकसानडॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि सरकार लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाएगी.


डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक़ हालांकि मुंडे की कार को ज़्यादा नुक़सान नहीं पहुंचा लेकिन कार की सीमित जगह में उन्हें ज़बरदस्त धक्का लगा और इससे उनकी गर्दन की हड्डी टूट गई, रीढ़ की क्लिक करें हड्डी को नुक़सान पहुंचा. दिमाग़ को जा रही नसों पर असर पड़ा और उनके लिवर को पहुंचे नुक़सान से बहुत ज़्यादा खून बह गया.

हर्षवर्धन ने कहा, “ये कहना ग़लत होगा कि मुंडे जी बच सकते थे क्योंकि वो कार के अंदर थे और झटके की वजह से बाहर नहीं गिरे."उन्होंने कहा, "असल में शरीर को तब ज़्यादा नुक़सान होता है जब वो वाहन से बाहर नहीं गिरे. अंदरूनी अंगों को नुक़सान पहुंचता है और वैज्ञानिक परीक्षणों से साबित होता है कि सीट बेल्ट पहनने से जान बचने की उम्मीद रहती है.”उन्होंने ये भी कहा कि स्वस्थ्य मंत्रालय जल्दी ही लोगों को इस बारे में जागरुक करने के लिए अभियान चलाएगा.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari