बल्लेबाज बनते-बनते गेंदबाज बन गए टर्बनेटर हरभजन सिंह
ऑल राउंडर भज्जी
पद्माश्री पुरस्कार से नवाजे गए भज्जी का लक्ष्य हमेशा से ऑल रॉउंडर बनने का था। दरअसल भज्जी बल्लेबाज बनते-बनते गेंदबाज बन गए। उन्होंने कई बार अपनी गेंदबाजी से नहीं बल्कि अपनी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को जीत हासिल कराई है। 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच की दूसरी पारी में हरभजन सिंह ने एक नया रिकॉर्ड बनाया था। हरभजन आठवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में एक मैच में अर्द्धशतक और शतक बनाने वाले टेस्ट इतिहास के दूसरे खिलाड़ी बन गए थे। उन्होंने इस मैच में आक्रामक बल्लेबाजी की थी जिसके चलते ये मैच बराबरी पर जाकर खत्म हुआ था। वहीं भज्जी की गेंदबाजी के सब ही कायल हैं। आईपीएल इतिहास में 100 विकेट लेने वाले हरभजन सिंह तीसरे गेंदबाज हैं। उन्होंने 100 मैचों में 24.10 के औसत से 100 विकेट लिए थे।
क्यों कहते है लोग 'द टर्बनेटर'
लोग भज्जी को द टर्बनेटर कहकर भी पुकाते हैं। आपको पता है कि उनका ये नाम कैसे पड़ा। दरअसल भज्जी सिख है तो इसके नाते वो पगड़ी जिसे अंग्रेजी में टर्बन कहा जाता है पहनते हैं। इसके साथ ही अपनी शानदार गेंदबाजी से विपक्षी खिलाड़ियों को टर्मिनेट यानी निपटा देते हैं। यहीं कारण है कि लोग इन दोनों शब्दों को मिलाकर हरभज सिंह को द टर्बनेट के नाम से पुकारते हैं।
कई बार लगा बैन
हरभजन सिंह और विवाद जैसे एक दूसरें से जुड़े हुए हैं। हरभजन सिंह के करियर में एक नहीं बल्कि कई विवाद हो चुके हैं। जनवरी 2008 में एन्ड्रयू सायमंड्स ने भज्जी पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। दरअसल भज्जी ने उनको मैच के दौरान बंदर बुला दिया था। जिसके बाद आईसीसी ने उन पर बैन लगा दिया था, लेकिन बाद में ये मामला सुलझा लिया गया था। यही नहीं एक बार आईपीएल मैच के दौरान भज्जी ने गुस्से में आकर मैच के दौरान ही श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया था। जिसके बाद उनपर 11 मैचों के लिए बैन लगा दिया गया था और एक मैच की फीस का जुर्माना भी लगाया गया था।