पांच सितंबर को हर साल टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह वो दिन है जब हम अपने गुरु शिक्षक या कोच को डेडीकेट करते हैं। एक स्टूडेंट के जीवन में टीचर की भूमिका काफी अहम होती है। इस बात को बाॅलीवुड ने भी अपनी कुछ फिल्मों में दिखाया है।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। एक टीचर और स्टूडेंट के बीच एक बहुत ही खास रिश्ता है। शिक्षक अपने छात्रों को जीने का तरीका सिखाते हैं और उन्हें भविष्य में जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच इस खास बंधन को कुछ खूबसूरत फिल्मों में भी दिखाया गया है। टीचर्स डे के इस खास मौके पर आइए नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों पर।

सुपर 30
इस फिल्म में एक शिक्षक और उसके छात्रों के बीच के अद्भुत रिश्ते को दिखाया गया था। फिल्म की कहानी 'सुपर 30' बैच के इर्द-गिर्द घूमती है जिसमें छात्र आईआईटी की परीक्षा पास करना चाहते हैं और आनंद अपने छात्रों की मदद के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकिचाते।

हिचकी
इस फिल्म में महिला टीचर का अपने छात्रों के साथ एक बहुत ही खास बंधन है। इस फिल्म में एक शिक्षिका की भूमिका निभाने वाली रानी मुखर्जी खुद एक गंभीर मुद्दे से निपटने के बावजूद अपने छात्रों को उस स्तर तक ले जाने की पूरी कोशिश करती हैं, जहां दुनिया उनके आगे झुक जाए।

तारे जमीं पर
इस फिल्म में टीचर (आमिर खान) और स्टूडेंट (दर्शील सफारी) के बीच के खूबसूरत कनेक्शन को दिखाया गया है। फिल्म एक ऐसे छात्र के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे पढ़ने-लिखने में समस्या होती है और उसके पिता उसे समय निकालने और उसकी समस्या को समझने के बजाय परिवार से दूर बोर्डिंग स्कूल भेजते हैं। उनके शिक्षक न केवल उनकी समस्या को पहचानते हैं बल्कि उसे संभालने में भी उनकी मदद करते हैं।

इकबाल
असंभव को संभव बनाना एक शिक्षक की कई प्रतिभाओं में से एक है, और इसी तरह का कुछ नागेश कुकुनूर की फिल्म 'इकबाल' में दिखता है। यह एक मूक-बधिर गाँव के लड़के इकबाल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे श्रेयस तलपड़े ने निभाया है, जो भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करने के लिए विभिन्न बाधाओं को पार करता है। उनका सपना कभी भी साकार नहीं होता अगर कोच नसीरुद्दीन शाह उसके जीवन में सही भूूमिका न निभाते।

चक दे इंडिया
2007 में रिलीज हुई चक दे इंडिया ने दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए। कहानी शारुख खान द्वारा निभाई गई हॉकी खिलाड़ी / कोच के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसने विश्व कप जीतने के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम का नेतृत्व किया। लेकिन कोच और खिलाड़ियों के बीच संबंध दर्शाता है कि छात्रों को शिक्षक पर विश्वास करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए क्योंकि वह केवल छात्रों के लिए सबसे अच्छा सोचता है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari