Happy Janmashtami 2019 Wishes: पूरे देश में जनमाष्टमी की भव्य तैयारियां चल रही हैं। कहीं भगवान कृष्ण की झांकियां सज रही हैं तो कहीं मेले लग रहे हैं। त्योहार के उत्साह के बीच श्रीमद भागवत गीता से भगवान श्री कृष्ण के कहे कुछ श्लोक याद करते हैं। जानते हैं ये हमें क्या सीख देते हैं...


कानपुर। भगवान श्री कृष्ण का बाल अवतार बहुत नटखट था। बड़े होने के बाद उन्होंने वृन्दावन छोड़ दिया और महाभारत के युद्ध का हिस्सा बनें। उन्होंने अर्जुन के सारथी बन उन्हें उचित समय पर उचित ज्ञान दिया। गीता के माध्यम से पढ़े जानें वाले श्री कृष्ण के उपदेशों से लोग आज भी शिक्षा लेते हैं। तो चलिए जानते हैं श्री कृष्ण के कहे कुछ उपदेशों का अर्थ। इन्हें आप शुभकामना संदेश के तौर पर अपने जानने वालों को भेज भी सकते हैं...1. तुम खुद अपने मित्र हो और खुद ही अपने शत्रु।2. जो अपने मन को नियंत्रित नहीं करते उनका मन ही उनका सबसे बड़ा शत्रु है।3. यह संसार हर क्षड़ बदल रहा है और बदलने वाली वस्तु असत्य होती है।


4. जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता। ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है उन्हें चिंता कभी नहीं सताती।5. भय , राग द्वेष और आसक्ति से रहित मनुष्य ही इस लोक और परलोक में सुख पाते है।6. 'मैं करता हूं ' ऐसा भाव उत्पन्न होता है इसको ही 'अहंकार'  कहते हैं।  7. जीवन न तो भविष्य में है न अतीत मैं ,जीवन तो बस इस पल में है।

8. जिसके लिए सुख दुःख , मान अपमान सामान है वही सिद्ध पुरुष है।9. ऐसा कोई नहीं, जिसने भी इस संसार में अच्छा कर्म किया हो और उसका बुरा अंत हुआ है, चाहे इस काल(दुनिया) में हो या आने वाले काल में10. अपने कर्म पर अपना दिल लगायें, ना की उसके फल पर।-भागवत गीता

Posted By: Vandana Sharma