Happy Birthday Sourav Ganguly: सबकुछ दाएं हाथ से करने वाले गांगुली बाएं हाथ से क्यों करते थे बैटिंग, जानें दादा के बारे में ये 5 बातें
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली भारत के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने पांच साल से अधिक समय तक भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया। अब वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और भारतीय क्रिकेट टीम को नया आकार दे रहे हैं। खैर, यह कुछ ऐसी जानकारी है जिससे हर कोई वाकिफ है, मगर दादा की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी अनकही बातें हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते हों।
किसने कहा था 'प्रिंस ऑफ कोलकाता'
क्रिकेट जगत में सौरव गांगुली को 'दादा' और 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' के नाम से जाना जाता है। बंगाल से आने वाले गांगुली ने टीम इंडिया की कमान संभाली और भारतीय क्रिकेट को नई उंचाईयों पर ले गए। सौरव गांगुली का पहला नाम महाराज उनके माता-पिता ने दिया था जिसका अर्थ होता है 'राजकुमार'। इसलिए जेफ्री बॉयकॉट ने उन्हें प्यार से 'द प्रिंस ऑफ कलकत्ता' कहा और वे इसी नाम से मशहूर हो गए।
क्यों करते थे बाएं हाथ से बैटिंग
सौरव गांगुली बाएं हाथ के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि असल में दादा राइटी हैं। दरअसल गांगुली अपने सभी काम, जैसे लिखना, गेंदबाजी करना और अन्य काम अपने दाएं हाथ से करते हैं। उनके लेफ्टी बल्लेबाज बनने के पीछे एक बड़ी वजह थी। सौरव ने जब क्रिकेट खेलना शुरु किया तो अपने भाई स्नेहाशीष के बल्ले को पकड़कर मैदान में आते थे। स्नेहाशीष लेफ्टी थे तो उनकी क्रिकेट किट भी उसी तरह थी। भाई की किट का इस्तेमाल कर सके इसके लिए गांगुली ने भी बाएं हाथ से बैटिंग करना शुरु कर दिया।
गांगुली बचपन से ही फुटबॉल के बहुत बड़े फैन रहे हैं। यह उनके भाई की वजह से था कि गांगुली को क्रिकेट अकादमी में नामांकित किया गया था। हालाँकि, अंततः गांगुली ने इस खेल में इतनी महारत हासिल कर ली कि उन्होंने बंगाल रणजी ट्रॉफी टीम में अपने भाई की जगह ले ली।
क्रिकेटर का कलकत्ता के पॉश इलाके पार्क स्ट्रीट में तीन मंजिला रेस्तरां द फूड पवेलियन भी है। इसका उद्घाटन सचिन तेंदुलकर ने 2004 में किया था।
लगातार चार मैन ऑफ द मैच का रिकाॅर्ड
गांगुली 14 सितंबर और 21 सितंबर 1997 के बीच एकदिवसीय मैचों में लगातार चार मैन ऑफ द मैच (MoM) पुरस्कार जीतने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं। अपने पूरे करियर में, गांगुली का टेस्ट औसत कभी भी 40 से नीचे नहीं गिरा। उनके टेस्ट करियर का औसत 42.17 है।