Happy birthday Amrish Puri: बॉलीवुड के इस खलनायक पर गूगल ने बनाया डूडल, जाने 10 फेमस डायलॉग
कानपुर। बताते हैं कि थिएटर में एक अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते हुए, अमरीश पुरी को मुंबई में सरवाइव करने के लिए नौकरी की आवश्यकता थी तब उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में नौकरी की थी। बाद में एक सफल खलनायक के तौर पर फेमस हुए। अमरीश पुरी ने करियर के दूसरे फेज में करेक्टर एक्टर के रोल्स में भी अच्छी खासी पाप्युलैरिटी गेन की।उनके कई डायलॉग बेहद फेमस हुए जाने ऐसे ही 10 संवाद। डायलॉग नंबर वन- अमरीश पुरी का सबसे फेमस डायलॉग है फिल्म मिस्टर इंडिया का "मोगैंबो खुश हुआ"। डायलॉग नंबर टू- दूसरे नंबर पर सबसे प्रसिद्घ संवाद फिल्म दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे का है "जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी"।
डायलॉग नंबर थ्री- तीसरा डायलॉग है फिल्म दामिनी का "ये अदालत है कोई मंदिर या दरगाह नहीं, जहां मन्नते और मुरादें पूरी होती हैं। यहां धूपबत्ती और नारियल नहीं, बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं"। डायलॉग नंबर फोर- एक और मशहूर डायलॉग है फिल्म विश्वात्मा का "थप्पड़ तुम्हारे मुंह पर पड़ा है और निशान मेरे गाल पर छपे हैं"।
डायलॉग नंबर फाइव- विलेन के तौर पर अमरीश किस हद तक जा सकते थे इसका एक नमूना फिल्म करन अर्जुन का ये संवाद हो सकता है, "पैसों के मामले में मैं पैदाइशी कमीना हूं, दोस्ती और दुशमनी का क्या अपनों के खून भी पानी की तरह बहा सकता हूं"।