'सीरिया की एक तिहाई आबादी बेघर'
शरणार्थियों की यह तादात छह महीने पहले दर्ज लोगों के मुक़ाबले दोगुनी है. संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक़ सीरिया में 50 लाख लोग विस्थापन का शिकार हैं. इसका मतलब यह है कि देश की कुल आबादी का तिहाई सड़कों पर है.शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के राजदूत एंटोनियो गुतेरेस ने बीबीसी को बताया है कि बहुत से लोग बेहद ख़राब हालात में ज़िंदगी बिता रहे हैं और इनमें से सभी को मदद पहुंचा पाना काफ़ी मुश्किल साबित हो रहा है.उनका कहना था कि दो पड़ोसी देशों तक फैला यह संघर्ष मध्य पूर्व में विस्फोट की शक्ल ले चुका है और इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना बेहद ज़रूरी है.'खतरे में अलावाइट'
सीरिया में संयुक्त राष्ट्र संघ के दूत ने चेतावनी दी है कि देश में जारी हिंसा की वारदात लगातार नरसंहार की तरफ़ बढ़ रही है. मुख़्तार लमानी ने बीबीसी को बताया है कि सीरिया में जारी जातीय हिंसा बेहद डरावनी शक्ल इख़्तियार कर चुकी है.लोग बड़ी तादाद में अपने गांवों और घरों को छोड़कर जा रहे हैं. इनमें सुन्नी, अलावाइट और ईसाई सभी शामिल हैं.लमानी ने बताया है कि सबसे ज़्यादा ख़तरे में अलावाइट अल्पसंख्यक हैं जिस समुदाय से राष्ट्रपति असद भी हैं. ईसाइयों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
पिछले महीने सीरिया में रासायनिक हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए थे
फ्रांस में इस मुद्दे पर राष्ट्रीय असेंबली में बुधवार को बहस होनी है लेकिन मतदान होगा या नहीं, ये अभी तय नहीं है.इस बीच, नैटो महासचिव रासमुसेन ने कहा है कि वो व्यक्तिगत रूप से इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि सीरिया में रासायनिक हमला हुआ है और राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार इसके लिए ज़िम्मेदार है. उनका कहना है कि इस बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया होनी चाहिए.साल 2011 से चल रहे गृहयुद्ध में वहां अब तक एक लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.