आपने भी घर पर दही जमाया होगा। क्‍या करते हैं आप इसके लिए। सबसे पहले जामन ढूंढते होंगे लेकिन क्‍या कभी आपने सुना है कि पत्‍थर से दही जम जाता हो। नहीं तो अब सुन लीजिए। ये बिल्‍कुल सच है। ऐसा होता है राजस्‍थान के जैसलमेर जिले में। यहां दही को जमाने के लिए लोगों को जामन की जरूरत नहीं पड़ती। सिर्फ एक पत्‍थर के इस्‍तेमाल से दही जम जाता है। कैसे आइए बताएं।


ऐसा है ये पत्थर यहां एक ऐसा पत्थर है, जिसके दूध के संपर्क में आते ही दूध जम जाता है। सिर्फ यही नहीं, इस पत्थर को कई बार रिसर्च के लिए विदेश भी ले जाया गया है। इसी के साथ अब तो फॉरनर इस पत्थर से बने बर्तन को यहां से ले भी जाते हैं। अब तक जैसलमेर का ये पीला पत्थर विदेशों में पूरी तरह से अपनी पहचान भी बना चुका है। दूर-दूर से लोग खास इसको खरीदने के लिए यहां आते हैं। बेहद काम का है ये
ये पत्थर जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर हाबूर नाम के गांव में पाया जाता है। इस पत्थर को बेहद काम का बताया गया है। कहते हैं कि ये पत्थर अपने आप में कई खूबियां समेटे हुए है। इसकी इन्हीं खूबियों के चलते लोग दूर-दराज से इसको लेने के लिए आते हैं। आसपास के लोग बताते हैं कि जब से इस पत्थर की करामात सबके सामने आई है, तब से यहां इसको लेने के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है। दिखने में भी है खूबसूरत


हाबूर के इस पत्थर के बारे में और बताया गया है कि ये दिखने में जितना खूबसूरत है, उतना ही काम का भी है। इसके काम के चलते दूर-दूर से इसको खरीदने के लिए अब तो ऑर्डर भी आते हैं। गांव वाले बताते हैं कि इसके चलते अब हर बार दही जमाने के लिए जामन लाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके संपर्क में दूध के लाने पर ही वह जम जाता है।Weird Newsinextlive fromOdd News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma