जानें नौंवी पास राम रहीम नाम के आगे क्यों लगाता है डॉक्टर, यह कारनामा कर हासिल की थी डिग्री
सिर्फ नौवीं तक की पढ़ाई
राम रहीम का जन्म राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के श्री गुरूसार मोदिया गांव में 15 अगस्त 1967 में एक जमींदार परिवार में हुआ था। बचपन में राम रहीम अपने पिता की खेती में सहायता करते थे। हालांकि उसने ज्यादा पढ़ाई नहीं की। सिर्फ नौवीं कक्षा तक पढ़ने के बाद गुरमीत ने आध्यात्म की ओर रुख कर लिया। बताते हैं कि बाबा का पढ़ाई में ज्यादा मन नहीं लगता था। वह अन्य एक्टिविटी में शामिल रहते थे। सात वर्ष की आयु में सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने उन्हें अपना शागिर्द बना लिया और उन्हें राम रहीम नाम दिया। बस इसके बाद राम रहीम ने अपना एक साम्राज्य खड़ा कर लिया और अपने नाम के आगे संत लगा लिया। संत गुरमीत राम रहीम पिछले कई सालों से डेरा की कमान संभाले हुए था। गुरमीत का रहन-सहन अन्य बाबाओं से काफी अलग रहा है। वह खुद को मल्टी-टैलेंटेड बताता था। यही वजह है कि राम रहीम ने खुद ही कई फिल्में भी बना ली और बतौर हीरो काम किया।
इन्होंने दी डॉक्टरेट की उपाधि
डेरा का मुखिया होने के अलावा राम रहीम कई और कामों की वजह से चर्चा में रहा है। उनमें से एक है वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना। जी हां राम रहीम के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हैं। यही वजह है कि लंदन की वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी ने साल 2016 में राम रहीम को 'डॉक्टरेट' की डिग्री दे दी। यह यूनिवर्सिटी उन लोगों को डॉक्टरेट की उपाधि देती है। जिनके नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड होते हैं। ऐसा करने वाली यह दुनिया की एकमात्र यूनिवर्सिटी है। यही वजह है संत राम रहीम अपने नाम के आगे डाक्टर लगाने लगा।
कुल 53 वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं बाबा के नाम
कुल 53 वर्ल्ड रिकॉर्ड बाबा ने अपने नाम किया है। किसी एक व्यक्ति के इतने सारे वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अपने आप में वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इनमें 17 गिनीज बुक, 25 एशिया बुक रिकॉर्ड, 7 इंडिया बुक रिकॉर्ड और दो लिम्का बुक रिकॉर्ड्स शामिल हैं।
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