GST के नाम पर पब्लिक को चूना नहीं लगा पाएंगे ट्रेडर्स, जानिए यह होगा कैसे?
सरकार की पैनी नजर
रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद कीमतों और प्रोडक्ट्स की सप्लाई पर सरकार नजर बनाए हुए है। जीएसटी रिव्यू के लिए 15 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो हर मंगलवार को समीक्षा बैठक करेगी। अगर ट्रेडर्स पुरानी एमआरपी बढ़ाते हैं तो उन्हें इस बात की पहले जानकारी देनी होगी। रिवाइज्ड प्राइस को पुरानी एमआरपी के साथ लगाकर प्रोडक्ट बेचे जा सकते हैं।
पुराने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाने के लिए ट्रेडर्स को देना होगा विज्ञापन
पुराने प्रोडक्ट्स को जीएसटी की आड़ में ऊंचे दामों में बेचने वालों पर सरकार की पैनी नजर है। हसमुख अढिया ने मंगलवार को बताया कि कोई भी ट्रेडर पुराने प्रोडक्ट पर बिना विज्ञापन के कीमत नहीं बढ़ा पाएगा। कीमतें बढ़ाने से पहले विज्ञापन देना जरूरी होगा। इस बारे में सभी मैन्युफैक्चरर्स और ट्रेडर्स को नोटिस भेजा गया है।
175 अफसरों की टीम निगरानी करेगी
अढिया ने बताया कि रजिस्ट्रेशन-माइग्रेशन की दिक्कतों की निगरानी की जा रही है। 175 अफसरों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। एक महीने तक ट्रेडर्स के लिए जीएसटी क्लास चलाई जाएगी। गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन फीस जीएसटी के दायरे से बाहर रखी गई है। कंपोजिशन वाले ट्रेडर्स को टैक्स ब्रैकेट की जानकारी नहीं देनी होगी।
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