GST इफेक्ट: किराने की दुकान पर लगेगा सिर्फ 1% टैक्स, फायदा लेना हो तो पढ़ें
छोटे व्यापारियों और जनरल स्टोर्स के लिए सबसे बड़ा चैलेंज 'जीएसटी’ का अनुपालन करने में आने वाली प्रॉब्लम से निपटना है। उन्हें काफी रिकॉर्ड्स और फाइलिंग के प्रोसेस से गुजरना होगा, लेकिन सरकार ने तमाम रिटेलर्स के लिए एक खास स्कीम लॉंच की है।
कम्पोजीशन स्कीमजिन शॉपकीपर्स की सेल 75 लाख रुपए या इससे कम हो, वे कम्पोजीशन स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यह स्कीम ऑप्शनल है। जो शख्स इस स्कीम को चुनेगा उसे अपनी सेल्स पर 1 परसेंट के रेट से 'जीएसटी’ देना होगा। यह अमाउंट 'इनवॉइस’ में नहीं दिखाई जाएगी। ट्रेडर को टैक्स अपने फंड्स से चुकाना होगा। वह किसी भी तरह के इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए भी एलिजिबल नहीं होगा। इस स्कीम का फायदा यह होगा कि शख्स को अपना रिटर्न मंथली नहीं बल्कि क्वाटर्ली फाइल करना होगा। रजिस्ट्रेशन
जीएसटी का रेट: जनरल स्टोर्स पर बिकने वाले कुछ प्रॉडक्ट्स...
क्रम आइटम का विवरण रेग्युलर स्कीम में रेट कंपोजिशन स्कीम में रेट
1. बटर 12 परसेंट 1 परसेंट2. चावल 0 परसेंट 1 परसेंट3. साबुन की टिक्की 18 परसेंट 1 परसेंट4. लिक्विड सोप 28 परसेंट 1 परसेंट5. बिस्कुट 18 परसेंट 1 परसेंट6. चॉकलेट 28 परसेंट 1 परसेंटजहां 'एमआरपी’ प्रिंटेड हो वहां गुड्स की वैल्यू कैसे पता करें, यह जानने की कोशिश करते हैं इस उदाहरण के जरिए...
पर्टिकुलर्सकेस 1: रेग्युलर रजिस्ट्रेशन केस 2: कम्पोजीशन स्कीम टैक्स मिलाकर रीटेलर की होलसेलर से खरीद की कीमत 900 900 टैक्स मिलाकर प्रिंट की गई एमआरपी 1000 1000 जीएसटी का रेट 18 परसेंट 1 परसेंट वैल्यू कैल्कुलेट करने का तरीका 1000X100=847.46 - 118 जीएसटी 152.54 - एमआरपी 1000 1000 कम्पोजीशन स्कीम में चुकाया जाने वाला जीएसटी - 10 जहां रीटेलर रेग्युलर स्कीम में होगा वहां उसे सही रेट्स के मुताबिक फिर से कैल्कुलेशन करनी होगी। वह अपनी 'इनवॉइस’ में 'जीएसटी’ की अमाउंट दिखाएगा और उसे कस्टमर से कलेक्ट करेगा। ४जहां रीटेलर कम्पोजीशन स्कीम में होगा, वहां वह सीधा 'एमआरपी’ चार्ज करेगा। 'इनवॉइस’ में 'जीएसटी’ नहीं दिखाया जाएगा। इस स्कीम में रीटेलर कस्टमर से 'जीएसटी’ कलेक्ट नहीं कर सकता और उसे अपने फंड्स से इसकी पेमेंट करनी होगी।'जीएसटी’ को लेकर अपने सारे कन्फ्यूजन यहां करें दूर
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
'जीएसटी’ का पालन करने वाले रीटेलर को कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना होगा। कम्पोजीशन स्कीम के लिए अप्लाई करना काफी आसान है, पर रेग्युलर स्कीम के लिए अप्लाई करना उलझन भरा हो सकता है। 'जीएसटी’ को हैंडल करने के लिए रीटेलर को सॉफ्टवेयर और बारकोड्स का इस्तेमाल करना होगा।
GST अपडेट: ब्यूटी, फिटनेस सेंटर पर लगेगा 18% टैक्स, नहीं मिलेगी कोई छूट
जिन शॉपकीपर्स की सेल 75 लाख रुपए या इससे कम हो, वे कम्पोजीशन स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
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