ग्रीस की ना यानी 'यूरोज़ोन से बाहर'
क़र्ज़दाताओं का कहना है कि लोग अगर जनमत संग्रह में प्रस्तावों को नकार देते हैं तो इसका मतलब ग्रीस का यूरो से बाहर होना होगा।ग्रीस के प्रधानमन्त्री एलेक्सिस त्सिप्रास कहा है कि उन्हें नहीं लगता ग्रीस को यूरोज़ोन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।ग्रीस में अगले रविवार को आर्थिक सहायता के लिए खर्च में कटौती और करों में बढ़ोतरी की शर्तों पर जनमत संग्रह कराया जा रहा है।यूरोपीयन संघ के नेताओं ने साफ़ शब्दों ने कहा है कि अगर ग्रीस को और आर्थिक सहायता चाहिए तो वहां को लोगों को रविवार को होने वाले जनमत संग्रह में उनके प्रस्ताव का समर्थन करना होगा।
बावजूद तमाम चेतावनियों के ग्रीस के प्रधानमन्त्री एलेक्सिस त्सिप्रास ने कहा है कि अगर ग्रीस की जनता यूरोज़ोन के प्रस्तावों को मंजूरी देती है तो उसका सम्मान करेंगे लेकिन वो उस सूरत में अपना पद छोड़ देंगे और कटौती प्रस्तावों को लागू नहीं करेंगे।
त्सिप्रास ने कहा ''कर्ज़ देने वालों ने एक प्रस्ताव पकड़ा दिया जिसमें ग्रीस की समस्याओं का कोई हल था ही नहीं। देश के लोगों को जनमत संग्रह में इस समझौते के ख़िलाफ़ मत देना चाहिए। अगर ज़्यादातर लोग इस समझौते को नकार देते हैं तो वो ज़्यादा ताकत के साथ कर्ज़ देने वालों से बातचीत कर पाएंगे।''इस तमाम कोलाहल के बीच ग्रीस के लोग उलझन में हैं और डरे हुए हैं।