अमरीकी सरकार के पहिये पैसे ना होने के कारण भले ही थम रहे हों राष्ट्रपति बराक ओबामा रिपब्लिकन पार्टी से अपनी स्वास्थ्य नीति पर कोई समझौता करने के मूड में नहीं दिख रहे.


अमरीकी सरकार ने आहिस्ता आहिस्ता "गैर ज़रूरी "चीज़ों और कामों को रोकना शुरू कर दिया है . विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी पर हमला बोलते हुए ओबामा ने कहा "वो तो फिरौती मांग रहे हैं."बजट पर सरकार और विपक्ष के बीच उठे गतिरोध की वजह से करीब सात लाख से ज़्यादा संघीय कर्चारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है. इसी वजह से तमाम राष्ट्रिय उड्डयन, संग्रहालय और कई दुसरे सरकारी दफ्तर बंद हो गए हैं.मंगलवार को ओबामा ने विरोधियों पर वार करते हुए कहा "एक पार्टी का एक धड़ा एक कानून को पर अपनी नापसंदगी को लेकर यह सब कर रहा है."ओबामा ने कहा " उन्होंने सरकार ठप कर दी और वो एक ऐसी योजना को रोकना चाहते हैं जो की लाखों अमरीकीयों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगी."


अमरीकी राष्ट्रपती ने बेहद साफ़ शब्दों में कहा "संसद को बजट पास करना चाहिए, सरकार की कामकाज बंदी को रोकना चाहिए, आपके पैसे देने चाहिए और अर्थव्यवस्था को थो होने से बचाना चाहिए."रिपब्लिकन पार्टी में दरार

इस महीने की शुरुआत में जैक ल्यू ने कहा था कि जब तक अमरीका को अपनी कर्ज़ सीमा के विस्तार की इजाज़त नहीं मिलती ख़र्चों के लिए 30 बिलियन डॉलर की ज़रूरत होगी जो किसी-किसी दिन 60 बिलियन डॉलर तक हो सकता है.सीमा बढ़ाने में नाकामी की वजह से अमरीकी सरकार अपने क़र्ज़ चुकाने में भी नाकाम हो सकती है.वॉशिंगटन को 2011 में भी क़र्ज़ सीमा को लेकर इसी तरह के गतिरोध का सामना करना पड़ा था. तब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स उस दिन समझौते पर पहुंचे थे जिस दिन सरकार की कर्ज़ ले सकने की समय सीमा ख़त्म होने वाली थी.देश क़र्ज़ बक़ाया को लेकर चूक करता, उससे कुछ घंटे पहले ही यह विवाद ख़त्म हुआ था. हालांकि इसके बावजूद स्टैंडर्ड एंड पुअर जैसी रेटिंग एजेंसी ने अमरीका के आर्थिक हालात में गिरावट दिखा दी थी.2011 के इस समझौते में कई ख़ुद ब ख़ुद होने वाली बजट कटौतियां शामिल थीं जिन्हें ‘सिक्वेस्टर’ का नाम दिया गया था और जो इस साल की शुरुआत में अमल में लाईं गईं थीं.अमरीका में 1995-96 में 21 दिन की रिकॉर्ड कामबंदी के बाद ये स्थिति दोबारा नहीं आई थी.

Posted By: Subhesh Sharma