भारत सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दाख़िल कर कहा है कि वह देश में कोख किराए पर दिए जाने के हाल के चलन पर रोक लगाएगी।


अब तक भारत में किराए की कोख कानूनी है।सरकार के इस फैसले से भारत में सरोगेसी का कारोबार प्रभावित होगा। भारत में सरोगेसी का कारोबार 9 अरब डॉलर का है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।लेकिन आलोचकों का मानना है कि कानून न होने के कारण इससे भारत की ग़रीब और कम उम्र महिलाओं का शोषण भी होता है।सरकार के हलफ़नामे की 7 ख़ास बातें।4. सिर्फ़ भारतीय दंपत्तियों के लिए ही सरोगेसी की अनुमति होगी।5. कोई विदेशी भारत में सरोगेसी की सेवाएं नहीं ले सकता।6. सरोगेसी से जन्मे शारीरिक रूप से अक्षम बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा नहीं लेने वाले माता-पिता को सज़ा दी जाएगी।7. इस कानून को तैयार करने में सरकार को कुछ समय लगेगा।
किराए की कोख का चलन यूरोप में प्रतिबंधित है और अमरीका में इस पर कड़े नियम लागू हैं।सस्ती तकनीक, अच्छे डॉक्टरों और स्थानीय महिलाओं के उपलब्ध होने के कारण भारत उन कुछ देशों में से है जहां एक महिला बिना किसी कानूनी पचड़े के दूसरा महिला के बच्चे को जन्म दे सकती है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh